रानी मुखर्जी की फ़िल्में
अभिनेत्री की फ़िल्मी यात्रा / From Wikipedia, the free encyclopedia
रानी मुखर्जी एक भारतीय अभिनेत्री हैं जिन्हें बॉलीवुड फ़िल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है। उन्होंने बांग्ला फ़िल्म बियर फूल (१९९२) से फ़िल्मी दुनिया में पदार्पण किया था। इस फ़िल्म का निर्देशन उनके पिता राम मुखर्जी ने किया था तथा रानी ने इस फ़िल्म में सहायक अभिनेत्री का अभिनय किया था।[1] उनकी प्रमुख अभिनय भूमिका के रूप में १९९७ की नाटक फ़िल्म राजा की आयेगी बारात पहली फ़िल्म थी जिसमें उन्होंने बलात्कार की शिकार युवती का अभिनय किया। फ़िल्म आर्थिक रूप से (टिकट खिड़की) पर असफल रही लेकिन उन्होंने स्टार स्क्रीन पुरस्कार समारोह में विशेष जूरी ट्राॅफी पुरस्कार जीता।[2] सन् १९९८ में आमिर खान के साथ एक्शन फ़िल्म ग़ुलाम में अभिनय किया जिसने उन्हें एक नई पहचान दी।[3] उसी वर्ष बाद में रानी मुखर्जी ने रूमानी नाटक फ़िल्म कुछ कुछ होता है में शाहरुख खान के रूमानी आकर्षण का अभिनय किया। इस फ़िल्म ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार दिलाया।[4] उनकी इस पहली सफलता के बाद उन्होंने हास्य फ़िल्म हैलो ब्रदर (१९९९), एक्शन थ्रिलर फ़िल्म बिच्छू (२०००) और नाटक फ़िल्म नायक (२००१) सहित विभिन्न फ़िल्मों में मुख्य अभिनेत्री का अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी उनके फ़िल्मी जीवन को आगे बढ़ाने में सहायक नहीं रही।[5][6][7] कमल हासन की द्विभाषी फ़िल्म हे राम में उन्होंने सहायक अभिनेत्री की भूमिका निभाई थी जिससे उन्हें और अधिक ख्याति प्राप्त हुई। यह फ़िल्म उस वर्ष ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टियों में शामिल हुई थी।[8]
मुखर्जी के फ़िल्मी जीवन को तब एक नया मोड़ मिला जब उन्होंने २००२ में यश राज फ़िल्म्स के बैनर तले बनी फ़िल्म साथिया में अग्रणी भूमिका में अभिनय किया। रूमानी नाटक फ़िल्म में उन्होंने एक मेडिकल छात्रा का अभिनय किया है जिससे उन्हें फ़िल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस मिला।[9][10] उसी वर्ष उन्होंने अदनान सामी के संगीत विडियो के गीत "तेरा चेहरा" में विशेष अभिनय किया।[11] वर्ष २००४ में रूमानी हास्य फ़िल्म हम तुम और युवा में अपने अभिनय के लिए, मुखर्जी एक ही वर्ष में क्रमशः फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार और सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र अभिनेत्री बनीं।[12][13][14] उसी वर्ष उन्होंने वर्ष की सर्वाधिक कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म — वीर-ज़ारा में भी अभिनय किया।[15] वर्ष २००५ में उन्होंने ब्लैक में अंधी, बहरी और गूंगी महिला का अभिनय करके प्रशंसा प्राप्त की और समालोचकों द्वारा प्रशंसित फंतासी फ़िल्म पहेली में अभिनय किया।[16][17] उन्होंने उसी वर्ष की सफलतम फ़िल्मों में से एक बंटी और बबली में एक महिला चोर का अभिनय भी किया।[18] ब्लैक में अपने अभिनय के लिए उन्होंने उस वर्ष फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री– क्रिटिक ट्रोफिज़ पुरस्कार जीता।[10] अगले वर्ष, बॉलीवुड की विदेशों में सबसे अधिक कमाई वाली नाटक फ़िल्म — कभी अलविदा ना कहना में विश्वासघाती पत्नी का अभिनय किया।[19]
आर्थिक रूप से सफल परिवार नाटक फ़िल्म ता रा रम पम (२००७) में अग्रणी भूमिका में अभिनय के बाद अगले दो वर्ष तक मुखर्जी ने यश राज फ़िल्म्स द्वारा निर्मित फ़िल्मों को वरियता देना आरम्भ कर दिया।[20][21] इनमें से किसी भी फ़िल्म ने टिकट खिड़की पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।[22] उसके बाद उन्होंने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के रियलिटी शो डांस प्रीमियर लीग (२००९) में प्रतिभा न्यायाधीश के लिए चुनी गईं।[23] २०११ में जीवनी आधारित थ्रिलर फ़िल्म नो वन किल्ड जेसिका में हठी टेलीविजन रिपोर्टर मीरा गैटी के अभिनय से उन्हें पुनः फ़िल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिलाया[24] और पिछले चार वर्षों में उनकी पहली सफल फ़िल्म बनी।[25] उन्हें टेलीविज़न धारावाहिक सी॰आई॰डी॰ में पुनः गैटी का अभिनय मिला।[26] वर्ष २०१२ में अलौकिक रोमांचक फ़िल्म तलाश में एक दुःखी माँ का अभिनय किया जिसे व्यावसायिक सफलता मिली,[27] और वर्ष २०१३ में उन्होंने संकलन फ़िल्म बॉम्बे टॉकीज़ की चार लघु कथाओं में से एक में अभिनय किया।[28]