कोपेन जलवायु वर्गीकरण
From Wikipedia, the free encyclopedia
कोपेन जलवायु वर्गीकरण जलवायु आकलन के लिए प्रयोग किया जाने वाला सबसे अधिक प्रयोगनीय मौसम वर्गीकरण है। इसका विकास जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने 1900 में किया था। इसके बाद उन्होंने ही इसमें 1918 और 1936 में बहुत से बदलाव किये थे। इस वर्गीकरण का आधार यह तथ्य है, कि स्थानीय वनस्पति ही मौसम की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति है। अतः मौसम के क्षेत्रों की सीमाएं वनस्पति क्षेत्रों को ध्यान में रखकर की गईं हैं।
यह औसत वार्षिक एवं मासिक तापमान, वर्षा एवं वर्षाकाल को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इन्होंने अपने वर्गीकरण में तापमान तथा वर्षा को प्रमुख आधार माना।