कैस्पियन सागर
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कैस्पियन सागर (फ़ारसी: دریای مازندران, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है।
सामान्य तथ्य कैस्पियन सागर, निर्देशांक ...
कैस्पियन सागर | |
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निर्देशांक | 40°N 51°E |
प्रकार | एण्डोरिक, खारा, स्थायी, प्राकृतिक |
मुख्य अन्तर्वाह | वोल्गा नदी |
मुख्य बहिर्वाह | वाष्पीकरण |
जलसम्भर | 3,626,000 कि॰मी2 (1,400,000 वर्ग मील)[1] |
द्रोणी देश | अज़रबैजान ईरान कज़ाख़िस्तान रूस तुर्कमेनिस्तान |
सतही क्षेत्रफल | 371,000 कि॰मी2 (143,000 वर्ग मील) |
औसत गहराई | 184 मी॰ (604 फीट) |
जल आयतन | 78,200 कि॰मी3 (18,800 घन मील) |
अस्तित्व काल | २५० वर्ष |
सतही ऊँचाई | −28 मी॰ (−92 फीट) |
द्वीप | बहुत से (देखेंलेख) |
बस्तियाँ | बाकु (अज़रबैजान), राश्त (ईरान), अक़तऊ (कज़ाख़स्तान), मखाचकला (रूस), तुर्केम्बसी (तुर्कमेनिस्तान) (देखें लेख) |
सन्दर्भ | [1] |
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