कैम्ब्रियाई विस्तार
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कैम्ब्रियाई विस्तार या कैम्ब्रियाई विस्फोट (Cambrian explosion) आज से लगभग 53 करोड़ साल पहले जानवरों के संघों में अचानक हुए विस्तार को कहते हैं। जीवाश्मों (फ़ॉसिल) के अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि आज से 58 करोड़ वर्ष से पहले ज़्यादातर जीव सरल थे और आमतौर पर एककोशिकीय थे जो कभी-कभी समूहों में एकत्रित हो जाया करते थे। इसके बाद के 7 से 8 करोड़ सालों में अचानक क्रम-विकास (एवोल्युशन) ने तेज़ी पकड़ी जिस से भारी संख्या में जातियाँ उभरनी और विलुप्त होनी शुरू हो गई और जल्दी ही जीवों में आज जैसे विविधता पैदा हो गई।[1]
इस प्राणियों के संघों (फ़ाय्लमों) के यकायक विस्तार को लेकर वैज्ञानिकों में बहुत विवाद रहा है। सन् 1840 के दशक तक जीवाश्मों के कैम्ब्रियाई काल में अचानक अस्तित्व में आ जाने की बात स्पष्ट हो चुकी थी। ऐसा होने के क्या कारण थे, यह उसी युग में आरम्भ क्यों हुआ और इसका प्राणियों के क्रम-विकास की प्रक्रिया में क्या अर्थ है - इन सभी बातों को लेकर बहस आज भी जारी है।[2]