अर्धचालक युक्ति
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अर्धचालक युक्तियाँ (Semiconductor devices) उन एलेक्ट्रानिक अवयवों को कहते हैं जो अर्धचालक पदार्थों के गुण-धर्मों का उपयोग करके बनाये जाते हैं। सिलिकॉन, जर्मेनियम और गैलिअम आर्सेनाइड मुख्य अर्धचालक पदार्थ हैं। अधिकांश अनुप्रयोगों में अब उन सभी स्थानों पर अर्धचालक युक्तियाँ प्रयोग की जाने लगी हैं जहाँ पहले उष्मायनिक युक्तियाँ (निर्वात ट्यूब) प्रयोग की जाती थीं। अर्धचालक युक्तियाँ, ठोस अवस्था में इलेक्ट्रानिक संचलन पर आधारित हैं जबकि ट्यूब युक्तियाँ उच्चा निर्वात या गैसीय अवस्था में उष्मायनों के चालन पर आधारित थीं।
अर्धचालक युक्तियों के निर्माण की सामान्य प्रक्रिया | |
अर्धचालक युक्तियां बहुत ही स्वच्छ वातावरण में निर्मित की जातीं हैं क्योंकि धूल और अन्य अशुद्धियों की उपस्थिति में इनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होती]] | |
सिलिकॉन के बेलनाकार दण्ड से काटकर सिलिकॉन वेफर बनाये जाते हैं। |
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एक ही वेफर पर बहुत से परिपथ बना लिये जाते हैं। इन्हें हीरा कर्तक से काटकर अलग-अलग कर लिया जाता है। | |
वेफर को काटने के बाद प्राप्त परिपथ (डाई के ऊपर परिपथ दिखाई दे रहा है।) | |
अन्तिम कार्य। यह एक 'चिप' है जिस पर बनी सर्किट दिखाई दे रही है। | |
अन्ततः, इन ये युक्तियाँ (जैसे आईसी आदि) विभिन्न कामों में लिये जाते हैं। (जैसे पीसी या टीवी के निर्माण में ) |
निर्माण के आधार पर अर्धचालक युक्तियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं - अकेली युक्तियाँ और एकीकृत परिपथ (IC)