रमज़ान
इस्लामी कैलेण्डर का नवाँ महीना / From Wikipedia, the free encyclopedia
रमज़ान या रमदान (उर्दू - अरबी - फ़ारसी : رمضان) इस्लामी पंचांग का नौवाँ महीना है। मुस्लिम समुदाय इस महीने को परम पवित्र मानता है।
- इस माह की विशेषताएँ
- महीने भर के रोज़े (उपवास) रखना
- रात में तरावीह की नमाज़ पढना
- कुरान तिलावत (पारायण) करना
- एतेकाफ़ बैठना, यानी गाँव और लोगों की अभ्युन्नती व कल्याण के लिये अल्लाह से दुआ (प्रार्थना) करते हुवे मौन व्रत रखना
- ज़कात देना
- दान करना
- अल्लाह का धन्यवाद अदा करना। अल्लाह का धन्यवाद अदा करते हुवे इस महीने के गुजरने के बाद शव्वाल (इस्लामी पंचांग का दसवां महीना) की पहली तिथि को ईद उल-फ़ित्र मनाते हैं।
सामान्य तथ्य رمضان रमदान, अनुयायी ...
رمضان रमदान | |
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बहरैन के शहर मनामा में शाम के समय और खूबसूरत वर्धमान और रमदान माह का आरम्भ। | |
अनुयायी | मुस्लिम |
प्रकार | पान्थिक |
उत्सव | सामूहिक इफ्तार और सामूहिक नमाज़ (उपासना व प्रार्थना) |
अनुष्ठान | |
आरम्भ | 1 रमज़ान का महीना |
समापन | 29, या 30 रमज़ान |
तिथि | इस्लामी कैलेण्डर (चान्द्रमान) के अनुसार बदलता है। |
आवृत्ति | प्रत्येक 12 चन्द्रमा (चान्द्रमान महीने) |
समान पर्व | ईद उल-फ़ित्र, लैलतुल क़द्र |
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इत्यादी को प्रमुख माना जाता है। कुल मिलाकार पुण्य कार्य करने को प्राधान्यता दी जाती है। इसी लिये इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना यानी पुण्य और उपासना का माह माना जाता है।[1]