मरुस्थलीय जलवायु
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मरुस्थलीय जलवायु अथवा रेगिस्तानी जलवायु पृथ्वी के उन भागों पर विस्तृत जलवायु है जहाँ वर्षण की मात्रा वाष्पीकरण से कम होती है। बहुधा ये क्षेत्र रेत के मैदान अथवा कठोर चट्टानी सतह वाले भूभाग हैं जहाँ होने वाली अल्प वृष्टि शीघ्र ही वाष्पीकृत हो जाती है। कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में इस प्रकार की जलवायु को दो प्रकारों में बाँटा गया है: ।
मरुस्थलीय जलवायु का विस्तार पूरी पृथ्वी के 14.2% भूभाग पर है और इस प्रकार यह क्षेत्र विस्तार की दृष्टि से ध्रुवीय जलवायु के बाद दूसरी सबसे विस्तृत जलवायु है।[1]