न्यू डेवलपमेंट बैंक
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न्यू डेवलपमेंट बैंक जिसे पहले ब्रिक्स बैंक के अनौपचारिक नाम से भी जाना जाता था ब्रिक्स समूह के देशों द्वारा स्थापित किए गए एक नए विकास बैंक का आधिकारिक नाम है। 2014 के ब्रिक्स सम्मेलन में 100 अरब डॉलर की शुरुआती अधिकृत पूंजी के साथ नए विकास बैंक की स्थापना का निर्णय किया गया।[2] [3] माना जा रहा है कि इस बैंक और फंड को पश्चिमी देशों के वर्चस्व वाले विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं के टक्कर में खड़ा किया जा रहा है।[4]
NDB BRICS | |
बैंक के सदस्य देश | |
संक्षेपाक्षर | नया विकास बैंक, ब्रिक्स बैंक |
---|---|
स्थापना | 15 जुलाई 2014 (2014-07-15) |
प्रकार | अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था |
वैधानिक स्थिति | संधि |
उद्देश्य | ब्रिक्स देशों व अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ढाँचागत विकास परियोजनाओं के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध करवाना।[1] |
मुख्यालय | शंघाई, चीन |
सदस्यता |
ब्राज़ील |
महासचिव |
के वी कामत |
Leader | Dilma Vana Rousseff , अध्यक्ष |
पैतृक संगठन |
ब्रिक्स |
संबद्धता | ब्रिक्स |
बजट |
१ खरब $ |
जालस्थल |
ndbbrics |
पूर्व नाम |
ब्रिक्स बैंक |
बैंक पांच उभरते बाजारों के बीच अधिक से अधिक वित्तीय और विकास सहयोग को बढ़ावा के लिए बनाया गया है। साथ में, 2014 की गणनानुसार चार मूल ब्रिक देशों में 3 अरब लोग या दुनिया की आबादी का 41.4 प्रतिशत शामिल है, तीन महाद्वीपों में दुनिया की भूमि क्षेत्र के एक चौथाई से अधिक को घेरते हैं, और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत से अधिक के लिए उत्तरदायी हैं। बैंक का मुख्यालय शंघाई, चीन में है।[5] विश्व बैंक के विपरीत जिसमे पूंजी शेयर के आधार पर वोट प्रदान करता है ब्रिक्स बैंक में प्रत्येक भागीदार देश को एक वोट आवंटित किया जाएगा, और भागीदार देशों में से किसी के पास वीटो का अधिकार नहीं होगा।[6]