अल बुस्तानी
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बुट्रस अल बुस्तानी (१८१९ - १८८३) वर्तमान लेबनान के एक लेखक एवं साहित्य पंडित थे। वे १९वीं शताब्दी के अन्तिम भाग में मिस्र में शुरू होकर मध्य पूर्व में फैले अरबी पुनर्जागरण के प्रमुख अग्रदूतों में से थे।
अमरीकी मिशनरियों के संपर्क में आकर वह ऐबे में अध्यापक बने। उन्होने अली स्मिथ के बाइबिल के अरबी अनुवाद में सहायक का कार्य किया। इसके लिए उसको इब्रानी, यूनानी, सीरियाई और लैटिन भाषाएँ भी सीखनी पड़ीं। वह अंग्रेजी, फ्रांसीसी और इतालीय भाषाओं के भी विद्वान् थे। उन्होने एक विस्तृत अरबी शब्दकोश का भी संपादन किया। उसका दूसरा संपादित ग्रंथ 'दायरात अल-म-आरिफ़' (विश्वकोश) भी बहुत प्रसिद्ध है। १८६० में, मुसलमानों और ईसाइयों के बीच गृहयुद्ध के दौरान अपने पत्र 'नफीर सूरीया' के माध्यम से सद्भावना और सुमति का संदेश प्रचारित किया। अपने जीवन भर बुस्तानी सहिष्णुता और देशभक्ति के मूल्यों का प्रचार करते रहे।