गंगा नदी
भारत आ बांग्लादेश में बहे वाली प्रमुख नदी / From Wikipedia, the free encyclopedia
गंगा आ गंगा नदी आ गंगा मईया एशिया के एक ठो अंतरसीमांत नदी बिया जवन भारत आ बांग्लादेस में बहेले। भारत के उत्तराखंड राज्य में, हिमालय पहाड़ पर स्थित गंगोत्री से निकल के बिसाल मैदानी क्षेत्र में बहे के बाद बंगाल के खाड़ी में समुंद्र में मिल जाले। समुंद्र में नदिन द्वारा कुल छोड़ल जाये वाला पानी के हिसाब से ई दुनिया के तीसरा सभ से बड़ नदी हवे।
गंगा | |
नदी | |
बनारस में गंगा | |
देस | भारत, बांग्लादेश |
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राज्य | उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पच्छिम बंगाल |
सहायिका | |
- बायें से | रामगंगा, गोमती, सरजू, गंडकी, बाघमती, कोसी, महानंदा |
- दहिने से | यमुना, तमसा, सोन, पुनपुन |
शहर | ऋषिकेश, हरिद्वार, फर्रूखाबाद, कानपुर, जाजमऊ, प्रयागराज (इलाहाबाद), मिर्जापुर, बनारस, ग़ाजीपुर, बक्सर, बलियाँ, पटना, हाजीपुर, मुँगेर, भगलपुर |
उदगम | गंगोत्री हिमानी, सतोपनाथ हिमानी, खटलिंग ग्लेशियर, आ कुछ परबत चोटी से पघिल के बहल पानी जइसे की नंदा देवी, त्रिशूल केदारनाथ, नंदा कोट, आ कामेत। |
- लोकेशन | उत्तराखण्ड, भारत |
- ऊँचाई | 3,892 मी (12,769 फीट) |
मुहाना | गंगासागर, गंगा डेल्टा |
- लोकेशन | बंगाल के खाड़ी, बांग्लादेस & भारत |
- ऊँचाई | 0 मी (0 फीट) |
लंबाई | 2,525 किमी (1,569 मील) [1] |
थाला | 1,080,000 किमी2 (416,990 वर्ग मील) |
जलनिकास | for फरक्का बैराज |
- औसत | 16,648 m3/s (587,919 cu ft/s) [2] |
- अधिकतम | 70,000 m3/s (2,472,027 cu ft/s) |
- सबसे कम | 2,000 m3/s (70,629 cu ft/s) |
Discharge elsewhere (average) | |
- बंगाल के खाड़ी | 38,129 m3/s (1,346,513 cu ft/s) [2] |
नदी थाला: गंगा (नारंगी), ब्रह्मपुत्र (बैंगनी), आ मेघना (हरा)। |
गंगा आपन रस्ता में हिमालय से ले आइल बालू-माटी के बिछा के एगो बिसाल मैदान बनावे ले जेकरा के एही के नाँव पर गंगा के मैदान कहल जाला। ई मैदान बहुत उपजाऊ हवे आ एही कारण इहाँ प्राचीन काल से जनसंख्या के बसाव भइल। आजु ई दुनिया के सबसे घन बस्ती वाला क्षेत्र हवे। गंगा के तीर पर भारत आ बांग्लादेस के कई ठो प्रमुख नगर बसल बाड़ें। ऋषिकेश, हरिद्वार, कन्नौज, कानपुर, प्रयागराज (इलाहाबाद), बनारस, बलियाँ, पटना, कलकत्ता आ ढाका नियन नगर एही नदी के तीरे बसल बाड़े।
हिंदू धर्म में गंगा के देवी आ माई के रूप में पूजल जाला। अइसन मानल जाला कि गंगा में अस्नान कइला से पुन्य मिलेला आ सगरी पाप कट जाला। गंगा के किनारे कई पबित्र तिथिन के मेला आ नहान लागे ला। दुनिया के सभ से बड़ मेला प्रयाग के कुंभ गंगा आ जमुना आ कथा में बर्णित नदी सरस्वती के संगम पे लागेला।
गंगा के मैदान आ एकर थाला पर्यावरण आ जीव जंतु खातिर भी महत्व वाला हवे। गंगा में कई प्रकार के मछरी आ अउरी बिबिध जलजीव पावल जालें। एह नदी में सूँस के दू गो प्रजाति गंगा डाल्फिन आ इरावदी डाल्फिन पावल जालीं जे एह समय बिलुप्त होखे के खतरा में बाड़ीं। गंगा के डेल्टा सुंदरबन पर्यावरण आ पारिस्थितिकी की मामिला में पूरा दुनिया खातिर महत्व वाला गिनल जाला।
साल 2007 में आइल एगो रपट की मोताबिक ओह समय गंगा दुनिया के पाँचवी सभसे प्रदूषित नदी रहे। भारत सरकार एकरा प्रदूषण के कम करे खातिर गंगा कार्ययोजना चलवलस बाकी ई बहुत सफल ना भइल। वर्तमान में नरेन्द्र मोदी के सरकार एकरा खातिर नमामि गंगे नाँव से एगो परियोजना चला रहल बाटे।