शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी
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ठोस-अवस्था-एलेक्ट्रानिकी का उपयोग करके विद्युत शक्ति का परिवर्तन एवं नियंत्रण से सम्बन्धित ज्ञान को शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी (power electronics) कहते हैं।
शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी के कारण विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए हैं। आज १० वाट से लेकर कई सौ मेगावाट के मोटरों को चलाने के लिए ड्राइव उपलब्ध हैं। ६ जीगावाट तक की विद्युत शक्ति लगभग १००० किलोवोल्ट के उच्च-वोल्टता डीसी पारेषण (HVDC) के माध्यम से संचारित की जा सकती है। रेलगाड़ियाँ, एलिवेटर, और क्रेनें सभी शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी के द्वारा ही आराम से चल रहे हैं। अक्षय ऊर्जा के स्रोतों (जैसे पवन चक्कियों) के विद्युत ग्रिड से जोड़ने में शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी का ही हाथ है। यहाँ तक कि राडार प्रणाली भी शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी पर ही निर्भर है।
यद्यपि शक्ति एलेक्ट्रानिकी में छोटे-मोटे सभी इलेक्ट्रॉनिक अवयव प्रयुक्त होते हैं, किन्तु निम्नलिखित अवयवय शक्ति एलेक्ट्रानिकी के विशिष्टि पहचान हैं-
- डायक (DIAC) (थाइरिस्टरों के नियंत्रण के लिए)
- द्विध्रुवी शक्ति ट्रांजिस्टर (BJT) - डीसी / डीसी कनवर्टर
- मॉसफेट (MOSFET) (एसएमपीएस और डीसी / डीसी कनवर्टर)
- जीटीओ (GTO) (उच्च शक्ति कनवर्टर)
- आईजीबीटी (एसएमपीएस, मोटर नियंत्रण के लिए)
- एससीआर (SCR) - अधिक शक्ति के नियंत्रित दिष्टकारी बनाने में
- ट्रायक (Triac)
- शॉट्की डायोड (Schottky diodes)