यमराज
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यमराज हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के देवता हैं। इनका उल्लेख वेद में भी आता है। इनकी जुड़वां बहन यमुना (यमी) है। यमराज, महिषवाहन (भैंसे पर सवार) दण्डधर हैं। वे जीवों के शुभाशुभ कर्मों के निर्णायक हैं। वे परम भागवत, बारह भागवताचार्यों में हैं। यमराज दक्षिण दिशा के दिक् पाल कहे जाते हैं और आजकल मृत्यु के देवता माने जाते हैं।
यमराज | |
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मृत्यु | |
यमराज भैंसे पर सवारी करते हुए। | |
अन्य नाम | धर्मराज , सूर्यपुत्र , सरण्युनन्दन , मृत्युदेव , काल , यम आदि |
संबंध | हिन्दू देवता |
निवासस्थान | यमलोक |
अस्त्र | दण्ड , गदा और पाश |
जीवनसाथी | देवी धुमोरना (मुख्य पत्नी) , शान्ति , सिद्धिका, कीर्ति , मैत्री , दया , तुष्टि , पुष्टि , श्रद्धा , लज्जा , बुद्धि , क्रिया , मेधा , मरुवती , अरुन्धती , वसु , जामी , संकल्प , लाम्बा , भानु , महूर्त , विश्वा और सन्ध्या |
माता-पिता |
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भाई-बहन | शनिदेव , अश्वनीकुमार , यमुना , भद्रा , वैवस्वत मनु , रेवंत , सुग्रीव , श्राद्धदेव मनु और कर्ण |
संतान | कातिला , भया और युधिष्ठिर |
सवारी | भैंसा |
दक्षिण दिशा के इन लोकपाल की संयमनीपुरी समस्त प्राणियों के लिये, जो अशुभकर्मा हैं, बड़ी भयप्रद है। यम, धर्मराज, मृत्यु, अन्तक, वैवस्वत, काल, सर्वभूतक्षय, औदुभ्बर, दघ्न, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त - इन चौदह नामों से यमराज की आराधना होती है। इन्हीं नामों से इनका तर्पण किया जाता है। यमराज का विवाह दक्ष प्रजापति की चौरासी कन्याओं में से तेईस कन्याओं से हुआ था कतिला यमराज व धुमोरना का पुत्र था। कुंती और यमराज के पुत्र का नाम युधिष्ठिर था |
विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से भगवान सूर्य के पुत्र यमराज , अश्विनी कुमार , श्राद्धदेव मनु और यमुना उत्पन्न हुईं।