बंजारा
बंजारा : एक प्राचीन एवं स्वतंत्र सभ्यता का समुदाय / From Wikipedia, the free encyclopedia
जिन्हें कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि 1.बामणिया 2.'गौर' 3.'लंबाणी' ,4.'बाजीगर', 5.'नायक 6.'गोर राजपूत' 7. 'राजपुत बंजारा' महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरी भारत के मारवाड़ क्षेत्र, ज्यादातर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दक्षिण में पाए जाते हैं।[1]
जाकी उत्पत्ति एक बहुचर्चित विषय रहा है। एक राय है कि वे राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से हैं, जैसे की, मेघावत, वरतीया, झारावत, झरपला , मुडावत,खेतावत, रणसोत,लाखावत, मालोत, सपावत ,धारावत । आजभी भारत के सभी प्रदेश में गौर बंजारा संस्कृती में पायी जाती है। [2] जबकि दूसरा सुझाव है कि उनकी उत्पत्ति अफगानिस्तान से है। लेकीन पुर्वी अफगाणिस्तान से संस्कृती का किसी रुप में मेल नहीं होता है. [3][4]
19 वीं शताब्दी में बंजारा समाज ने जबकी ब्रिटीशो का विरोध जताया, तब ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों ने 1871 के आपराधिक जनजाति अधिनियम के दायरे में समुदाय को लाया।[5] जिसने उन्हें अपने पारंपरिक व्यवसायों को छोड़ने के लिए मजबूर किया। इससे उनमें से कुछ लोग पहाड़ों और पहाड़ी क्षेत्रों के पास बस गए, जबकि अन्य जंगलों में चले गए।[6]