सोमनाथ शर्मा
परमवीरचक्र सम्मान प्राप्त करने वाले भारतीय सेना के प्रथम अधिकारी / From Wikipedia, the free encyclopedia
मेजर सोमनाथ शर्मा (३१ जनवरी, १९२३ - ३ नवम्बर १९४७) भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमाण्डर थे जिन्होने अक्टूबर-नवम्बर, १९४७ के भारत-पाक संघर्ष में हिस्सा लिया था। उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित किया। [2] परमवीर चक्र पाने वाले वे प्रथम व्यक्ति हैं।[3]
मेजर सोमनाथ शर्मा परम वीर चक्र | |
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जन्म |
31 जनवरी 1923 दध, कांगड़ा, पंजाब प्रान्त, ब्रिटिश भारत |
देहांत |
3 नवम्बर 1947(1947-11-03) (उम्र 24) बड़गाम, भारत |
निष्ठा | |
सेवा/शाखा | |
सेवा वर्ष | १९४२-१९४७ |
उपाधि | मेजर |
सेवा संख्यांक | IC-521[1] |
दस्ता | चौथी बटालियन, कुमाऊं रेजिमेंट |
युद्ध/झड़पें | |
सम्मान | |
सम्बंध | जनरल वी एन शर्मा (भाई) |
१९४२ में सोमनाथ शर्मा जी की नियुक्ति उन्नीसवीं हैदराबाद रेजिमेन्ट की आठवीं बटालियन में हुई। उन्होंने बर्मा में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अराकन अभियान में अपनी सेवाएँ दी जिसके कारण उन्हें मेन्शंड इन डिस्पैचैस में स्थान मिला। बाद में उन्होंने १९४७ के भारत-पाक युद्ध में भी लड़े और ३ नवम्बर १९४७ को श्रीनगर विमानक्षेत्र से पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेदख़ल करते समय वीरगति को प्राप्त हो गये। उनके युद्ध क्षेत्र में इस साहस के कारण मरणोपरान्त परम वीर चक्र मिला।