सिलिकोन
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यह लेख सिलिकोन नामक यौगिक के बारे में है। कृपया इसे सिलिकॉन तत्व न समझें।
सिलिकोन (Silicone) अक्रिय, संश्लेषित यौगिक हैं जिनके तरह-तरह के रूप हैं और तरह-तरह के उपयोग हैं। ये प्राय: रबर जैसे एवं उष्मारोधी (heat-resistant) होते हैं। ये भोजन के बर्तनों में, चिकित्सकीय उपकरणों में, चूवन के छेद आदि बन्द करने के लिये (सीलैन्ट), चिपकाने के लिये (अधेसिव), स्नेहक (lubricants), इंसुलेशन एवं स्तन-प्रत्यारोपण (breast implants) में काम आते हैं।
नौटिंघम निवासी एफ.एस. किपिंग (F.S. Kipping) ने सिलिकन से बने कुछ संश्लिष्ट यौगिकों का नाम "सिलिकोन" दिया था। यह नाम कीटोन के आधार पर दिया गया था। कीटोन की भाँति सिलिकन एक ओर ऑक्सीजन से और दूसरी ओर कार्बनिक समूहों से संबद्ध था पर कीटोन के साथ-साथ समानता केवल रचनात्मक सूत्र तक ही सीमित थी। वास्तविक संरचना में कीटोन और सिलिकोन एक-दूसरे से बहुत भिन्न हैं। सिलिकोन बहुत भारी अणु भार वाले यौगिक हैं। कार्बनिक समूहों के कारण इनमें नम्यता, प्रत्यास्थता या तरलता आदि गुण भी आ जाते हैं और विभिन्न नमूनों के इन गुणों में बहुत अंतर पाया जाता है।
सिलिकोन एक बेहतर और लचीला यौगिक है। दुनिया भर में प्रतिवर्ष इसका हजारों टन उत्पादन होता है। चीन और अमेरिका जैसे देश इसका अधिकाधिक उत्पाद करते हैं।