शालिवाहन शक
भारत राष्ट्र का राष्ट्रीय पञ्चाङ्ग / From Wikipedia, the free encyclopedia
शालिवाहन शक जिसे शक संवत भी कहते हैं, हिंदू पञ्चाङ्ग, भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर और कम्बोडियाई बौद्ध पञ्चाङ्ग के रूप मे प्रयोग किया जाता हैं। माना जाता है कि इसकी प्रवर्तन (आरम्भ) वर्ष 78 ई. में वसन्त विषुव के आसपास हुई थी।[1]
कुषाण शासक कनिष्क को शालिवाहन शक के शुभारम्भ का श्रेय दिया जाता हैं, जब उसने वर्ष ७८ ई. (78 ई.) में शकों को युद्ध मे हराया था और इस युद्ध की स्मृति मे उसने इस युग को आरम्भ किया था[2]
इसके बाद शकों ने उस पश्चिमी क्षत्रप राज्य की स्थापना की जिसने पश्चिमी भारत क्षेत्र पर शासन किया।[3]
सन् 1633 तक इसे जावा की अदालतों द्वारा भी यह सवंत प्रयुक्त किया जाता था, पर उसके बाद इसकी जगह अन्नो जावानिको ने ले ली जो जावानीस और इस्लामी व्यवस्था का मिला जुला रूप था।[4]