यू॰ थांट
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यू॰ थांट (्बर्मीज़ उच्चारण: [ʔú θa̰ɴ]; 22 जनवरी 1909-25 नवम्बर 1974)[1] एक बर्मी राजनयिक थे और इन्होने 1961 से 1971 तक संयुक्त राष्ट्र के तीसरे महासचिव के रूप में सेवा की। सितंबर 1961 में जब संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव डैग हैमरस्क्जोंल्ड का निधन हुआ तब वे इस पद के लिए चुने गए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक रही क्यूबाई मिसाइल संकट के दौरान जॉन एफ कैनेडी और निकिता क्रुश्चेव के बीच वार्ता कराना, जिससे एक प्रमुख वैश्विक तबाही की संभावना से पूरा विश्व बच गया।
सामान्य तथ्य यू॰ थांट, जन्म ...
यू॰ थांट | |
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1963 में ली गयी छवि | |
जन्म |
22 जनवरी 1909 पंतनव, ब्रिटिश वर्मा, ब्रिटिश शासन |
मौत |
नवम्बर 25, 1974(1974-11-25) (उम्र 65) न्यूयार्क, संयुक्त राज्य अमेरिका |
मौत की वजह | लाँग कैंसर |
समाधि | यू थांट का मकबरा, स्वीडन पगोडा रोड, रंगून। |
राष्ट्रीयता | म्यान्मार/वर्मी |
पूर्वाधिकारी | डैग हैमरस्क्जोंल्ड |
उत्तराधिकारी | कुर्त वॉल्डहाइम |
धर्म | बौद्ध धर्म |
जीवनसाथी | थिन टीन |
बच्चे | मौंग वो, टीन मौंग थांट, आए आए थांट |
माता-पिता | पो हानित/नान थोंग |
यू थांट का मकबरा, स्वीडन पगोडा रोड, रंगून। |
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"यू" बर्मीस में सम्मान सूचक शब्द है, जिसका अर्थ "श्रीमान" की तरह माना जा सकता है। "थांट" उनका वास्तविक नाम है। बर्मीस में वे "पंतानाव यू थान्ट" के नाम से जाने जाते हैं। "पंतानाव" शब्द उनके गृह नगर से लिया गया है।