मुहम्मद अली ख़ान वालाजाह
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मुगल-मराठा युद्ध , कर्नाटक युद्ध , एंग्लो-मैसूर युद्ध
सामान्य तथ्य मुहम्मद अली ख़ान वालाजाह, शासन काल ...
मुहम्मद अली ख़ान वालाजाह | |
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Nawab of the Carnatic Amir ul-Hind Walla Jah Umdat ul-Mulk Asaf ud-Daula | |
शासन काल | 1749–1795 |
पूर्वाधिकारी | अनवरुद्दीन ख़ान |
उत्तराधिकारी | Umdat ul-Umara |
पूरा नाम
मुहम्मद अली अनवर उद्दीन ख़ान | |
जन्म | 7 July 1717 Delhi, Mughal India (now India) |
मृत्यु | 13 अक्टूबर 1795(1795-10-13) (उम्र 78) |
दफन स्थल | Outside the gate of the Gunbad of Shah Chand Mastan, Trichinopoly |
Noble family | Walla Jah dynasty (Anwariyya Dynasty) |
सन्तान
Muhammad Ishaq Khan Umdat ul-Umara Amir ul-Umara (eighteen sons and twenty-one daughters) | |
पिता | अनवरुद्दीन ख़ान |
धर्म | इस्लाम |
Military career | |
निष्ठा | Mughal Empire |
सेवा/शाखा | कर्नाटिक के नवाब |
उपाधि | सूबेदार |
युद्ध/झड़पें | मुग़ल-मराठा युद्ध, कर्नाटिक युद्ध, एंग्लो-मैसूर युद्ध |
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मुहम्मद अली ख़ान वालजाह, या मुहम्मद अली खान वाला जाह (7 जुलाई 1717 - 13 अक्टूबर 1795), भारत में आर्कोट के नवाब और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सहयोगी थे। मुहम्मद अली खान वालजाह का जन्म 7 जुलाई 1717 को दिल्ली में त्रिचोनोपोलि के सईद अली खान सफवी उल-मोसावी की भतीजी, उनकी दूसरी पत्नी, फख्रर अन-निसा बेगम साहिबा, अनवरुद्दीन मोहम्मद खान के लिए हुआ था। अरमोट के नवाब मोहम्मद अली खान वालजाह ने अक्सर अपने पत्रों और तत्कालीन मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के साथ पत्राचार में कार्नाटिक के सुबेदार के रूप में खुद को संदर्भित किया।