मत्स्य अवतार
भगवान विष्णुजी का अवतार / From Wikipedia, the free encyclopedia
मत्स्यावतार (मत्स्य = मछली का) भगवान विष्णु का अवतार है जो उनके दस अवतारों में से प्रथम है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने इस संसार को भयानक जल प्रलय से बचाया था। साथ ही उन्होंने हयग्रीव नामक दैत्य का भी वध किया था जिसने वेदों को चुराकर सागर की गहराई में छिपा दिया था।
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सामान्य तथ्य मत्स्य अवतार, अन्य नाम ...
मत्स्य अवतार | |
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वेदज्ञान और सुरक्षा के देवता | |
मत्स्य रूपी भगवान विष्णु हयग्रीव का संहार करते हुए | |
अन्य नाम | मत्स्य नारायण, हयग्रीव अरी, वेदरक्षक, मनुकल्प, मकरनारायण, मीन नारायण आदि। |
संबंध | दशावतार, विष्णु, पर ब्रह्म, परमात्मा, परमेश्वर, विष्णु के प्रथमावतार |
निवासस्थान | वैकुंठ, समुद्र |
मंत्र | ॐ मतस्याय मनुकल्पाय नम: |
अस्त्र | सुदर्शन चक्र, पाञ्चजन्य शंख, कमल पुष्प और कौमोदकी गदा, |
युद्ध | हयग्रीवासुर वध |
जीवनसाथी | महालक्ष्मी |
शास्त्र | भागवत पुराण, विष्णु पुराण, मत्स्य पुराण |
त्यौहार | मत्स्य जयंती |
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