भारत का भूगोल
दक्षिण एशिया स्थित भारत नामक देश का भौगोलिक विवरण / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने 32,87,263 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग 1.4 अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है।
भारत | |
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महाद्वीप | एशिया |
अञ्चल | दक्षिण एशिया भारतीय उपमहाद्वीप |
स्थिति | 21°N 78°E |
क्षेत्रफल | क्रम {{{क्रम}}} 32,87,263 km² (12,69,219.3 sq mi) 90.44% स्थलभाग 9.56 % जलभाग |
सीमान्त | स्थलीय सीमायें: 15,200 कि॰मी॰ (9,400 मील) अफगानिस्तान: 106 कि॰मी॰ (66 मील) 4,096.70 कि॰मी॰ (2,545.57 मील)बांग्लादेश: 4,096.70 कि॰मी॰ (2,545.57 मील) चीन: 3,488 कि॰मी॰ (2,167 मील) पाकिस्तान: 3,323 कि॰मी॰ (2,065 मील) नेपाल: 1,751 कि॰मी॰ (1,088 मील) बर्मा: 1,643 कि॰मी॰ (1,021 मील) भूटान: 699 कि॰मी॰ (434 मील) |
सर्वोच्च बिन्दु | के२ 8,611 मी॰ (28,251.3 फीट) |
सर्वनिम्न बिन्दु | कन्याकुमारी −2.2 मी॰ (−7.2 फीट) |
सबसे लम्बी नदी | गंगा–ब्रह्मपुत्र[उद्धरण चाहिए] |
सबसे बड़ी झील | चिल्का झील |
भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है।
प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्त्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है।