भारतीय वायुसेना
भारतीय सशस्त्र बल की हवाई सेवा शाखा / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गयी थी।[8] स्वतन्त्रता (1950 में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (1950 में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया।
भारतीय वायुसेना | |
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स्थापना | 8 अक्टूबर 1932; 91 वर्ष पूर्व (1932-10-08) |
देश | भारत |
प्रकार | वायुसेना |
भूमिका | हवाई युद्ध |
विशालता | 139,576 सक्रिय सैनिक[1] लगभग 1905 से अधिक विमान[2][3] |
का भाग | भारतीय सशस्त्र सेनाएँ |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
आदर्श वाक्य | नभः स्पृशं दीप्तम् ([[error: sa not found in ISO 639-1, -2, -2B, -3, -5 list (help) भाषा|error: sa not found in ISO 639-1, -2, -2B, -3, -5 list (help)]]) (आकाश को स्पर्श करने वाले देदीप्यमान)[4][5] |
वर्ण | गहरा नीला, हलका नीला और सफेद |
वर्षगांठ | वायु सेना दिवस: 8 अक्टूबर[6] |
युद्ध के समय प्रयोग | |
जालस्थल | indianairforce.nic.in |
सेनापति | |
वायुसेनाध्यक्ष (सीएएस) | एयर चीफ़ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एडीसी |
वायु सेना के उपसेनापति (वीसीएएस) | एयर मार्शल, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम,[7] |
प्रसिद्ध सेनापति | वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह एयर चीफ़ मार्शल प्रताप चंद्र लाल एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी |
बिल्ला | |
प्रतीक | |
पदल | |
फिन फ्लैश | |
प्रयुक्त वायुयान | |
आक्रमण | जैगुआर, मिग-27, हार्पी |
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध | A-50E/I, DRDO AEW&CS |
लड़ाकू | सुखोई-30 एमकेआइ, मिराज 2000, मिग-29, मिग-21, एचएएल तेजस, राफेल |
हैलीकॉप्टर | ध्रुव, चेतक, चीता, एमआई-8, एमआई-17, एमआई-26, एमआइ-25/25, एचएएल लाइट कॉम्बैट हैलीकॉप्टर, एचएएल रुद्र |
आवीक्षी | सर्चर द्वितीय, हेरोन |
प्रशिक्षक | हॉक एमके 132, एचजेटी-16 किरण, पिलैटस सी-7 एमके द्वितीय |
परिवहन | सी-130 जे, सी-17 ग्लोबमास्टर तृतीय, आईएल-76, एन-32, एचएस 748, डू 228, बोइंग 737, ईआरजे 145 |
टैंकर | आइएल-78 एमकेआई |
आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं 2006 के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर 170,000 जवान एवं 1,350 लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है।[9]