बुध (ज्योतिष)
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह / From Wikipedia, the free encyclopedia
बुध (मलयालम : ബുധന്, कन्नड़: ಬುಧ, तमिल: புதன்) इसी नाम के खगोलीय ग्रह के लिये भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नियत एक ग्रह है। बुध चन्द्र और वृहस्पति की पत्नी तारा के पुत्र कहलाता है। बुध को माल और व्यापारियों का स्वामी और रक्षक माना जाता है।
बुध | |
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बुध | |
संबंध | ग्रह |
ग्रह | बुध |
मंत्र | ॐ बु बुधाय नम: |
दिवस | बुधवार |
वर्ण | हरा |
जीवनसाथी | इला |
माता-पिता |
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सवारी | सिंह या आठ गहरे पीले रंग के अश्वों वाला रथ |
बुध हल्के स्वभाव के, सुवक्ता और एक हरे वर्ण वाले कहलाते हैं। उन्हें कृपाण, फ़रसा और ढाल धारण किये हुए दिखाया जाता है और सवारी पंखों वाला सिंह बताते हैं। एक अन्य रूप में इन्हें राजदण्ड और कमल लिये हुए उड़ने वाले कालीन या सिंहों द्वारा खींचे गए रथ पर आरूढ दिखाया गया है।[1]
बुध का राज बुधवार दिवस पर रहता है। आधुनिक हिन्दी, उर्दु, तेलुगु, बंगाली, मराठी, कन्नड़ और गुजराती भाषाओं में सप्ताह के चौथे दिवस को बुधवार कहा जाता है। बुध का विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से विवाह किया। इला से प्रसन्न होकर मित्रावरुण ने उसे अपने कुल की कन्या तथा मनु का पुत्र होने का वरदान दिया। कन्या भाव में उसने चन्द्रमा के पुत्र बुध से विवाह करके पुरूरवा नामक पुत्र को जन्म दिया। तदुपरान्त वह सुद्युम्न बन गयी और उसने अत्यन्त धर्मात्मा तीन पुत्रों से मनु के वंश की वृध्दि की जिनके नाम इस प्रकार हैं- उत्कल, गय तथा विनताश्व।