बंगाली साहित्य
बंगाली भाषा में रचित ग्रंथ / From Wikipedia, the free encyclopedia
बँगला भाषा (बाङ्ला भाषा) का साहित्य स्थूल रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है -
- प्राचीन साहित्य (950-1,200 ई.),
- मध्यकालीन साहित्य (1,200-1,800 ई.), तथा
- आधुनिक साहित्य (1,800 के बाद)।
सामान्य तथ्य बंगला साहित्य, साहित्य का इतिहास ...
बंगला साहित्य | |
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शामसुर रहमान, सुनील गंगोपाध्याय, महाश्वेता देवी | |
बांग्ला साहित्य बांग्ला भाषा | |
साहित्य का इतिहास | |
बांग्ला साहित्य का इतिहास | |
बंगला साहित्यकारों की तालिका | |
कालानुक्रमिक तालिका - वर्णानुक्रमिक तालिका | |
बंगाली साहित्यकार | |
लेखक - उपन्यासकार - कवि | |
साहित्यधारा | |
प्राचीन और मध्ययुगीय चर्यापद - मंगलकाब्य - वैष्णब पदावली और साहित्य - नाथसाहित्य - अनुवाद साहित्य -इसलामि साहित्य - शाक्तपदावली - बाउल गान आधुनिक साहित्य उपन्यास - कविता - नाटक - लघुकथा - प्रबन्ध - शिशुसाहित्य - कल्पविज्ञान | |
प्रतिष्ठान और पुरस्कार | |
भाषा शिक्षायन साहित्य पुरस्कार | |
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प्रारंभिक साहित्य बंगाल के जीवन तथा उसके गुण-दोष-विवेचन की दृष्टि से ही अधिक महत्वपूर्ण है। चंडीदास, कृतिवास, मालाधर बसु, विप्रदास पिपलाई, लोचनदास, ज्ञानदास, कविकंकण मुकुन्दराम, कृष्णदास, काशीराम दास, रायगुणाकर भारतचन्दराय आदि कवि इसी काल में हुए हैं।