फेलिस बीटो
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फेलिस बीटो (1832-29 जनवरी 1909), जिसे फेलिक्स बीटो के नाम से भी जाना जाता है, एक इतालवी -ब्रिटिश छायाकार (फोटोग्राफर) था। वह उन शुरुआती फोटोग्राफरों मे से एक था जिन्होने पूर्व एशिया में तस्वीरें खींची थीं साथ ही वो युद्ध की तस्वीरें खींचने वाले पहले फोटोग्राफरों मे से एक था। बीटो को उसकी विशिष्ट शैली के काम के लिए याद किया जाता है। उसकी तस्वीरों में एशिया और भूमध्य सागरीय क्षेत्र के विचार, संस्कृति और वास्तुकला बड़ी कुशलता से परिलक्षित होती है। उसकी विभिन्न देशों की यात्रा और आवास ने उसे इन देशों को निकट से देखने और समझने का अवसर प्रदान किया था और इस अनुभव की सहायता से उसने अपनी तस्वीरों के माध्यम से यूरोप और अमेरिका के अधिकतर लोगों को इन देशों की संस्कृति, व्यक्तियों और घटनाओं को जानने और समझने का अवसर दिया जिससे वो पहले पूरी तरह से अंजान थे।
फेलिस बीटो | |
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एक अज्ञात छायाकार द्वारा ली गयी फेलिस बीटो की तस्वीर (शायद स्वयं ली गयी) 1866। | |
जन्म |
1832 वेनिस, लोम्बार्डी-वेनेशिया साम्राज्य |
मौत |
29 जनवरी 1909 (76 वर्ष) फ्लोरेंस, इटली की राजशाही |
राष्ट्रीयता | ब्रितानी |
उपनाम | फेलिक्स बीटो |
पेशा | छायाकार |
प्रसिद्धि का कारण | पूर्व एशिया की तस्वीरें खींचने वाले शुरुआती लोगों में से एक, युद्ध की तस्वीरें लेने वाले शुरुआती पत्रकारों में से एक। |
संबंधी | एंटोनिओ बीटो (भाई) |
आज भी बीटो द्वारा खींची गयी तस्वीरें 1857 का भारतीय विद्रोह और दूसरे अफ़ीम युद्ध जैसी घटनाओं की एक सच्ची छवि हमारे सम्मुख प्रस्तुत करतीं है। बीटो की तस्वीरें फोटोपत्रकारिता की शुरुआत को भी दर्शाती हैं। बीटो के काम ने बहुत से अन्य समकालीन और उसके बाद आने वाले फोटोग्राफरों को प्रभावित किया। अपने जापान प्रवास के दौरान उसने कई स्थानीय छायाकारों के साथ ना सिर्फ काम किया बल्कि उनको प्रशिक्षण भी दिया। उसकी विधा की फोटोग्राफी का स्थानीय छायाकारों पर एक गहरा और चिरस्थायी प्रभाव पड़ा।