फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की
रूसी साहित्यकार / From Wikipedia, the free encyclopedia
फ़्योदर दस्ताएवस्की ( रूसी: Фёдор Миха́йлович Достое́вский 30 अक्तूबर [11 नवम्बर] 1821, मसक्वा [मास्को], रूसी साम्राज्य — 28 जनवरी [9 फ़रवरी] 1881, सांक्त पितेरबूर्ग [सेण्ट पीटर्सबर्ग], रूसी साम्राज्य) — रूसी भाषा के एक महान् साहित्यकार,विचारक, दार्शनिक और निबन्धकार थे, जिन्होंने अनेक उपन्यास और कहानियाँ लिखीं पर जिन्हें अपने जीवनकाल में लेखक के रूप में कोई महत्व नहीं दिया गया। मृत्यु होने के बाद दस्ताएवस्की को रूसी यथार्थवाद का प्रवर्तक माना गया और रूस के महान लेखकों में उनका नाम शामिल किया गया। मॉस्को में जन्मे फ़्योदर दस्ताएवस्की को रूसी विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता मिख़अईल पित्रअशेव्स्की के राज्यविरोधी गुप्त दल का सदस्य होने के कारण 20 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया और उन्हें मृत्युदण्ड की सज़ा दी गई। लेकिन इस सज़ा पर अमल होने से पहले ही अंतिम समय में उनकी सज़ा को चार वर्ष के सश्रम कारावास में बदल दिया गया। दस्ताएवस्की ने गिरफ़्तार होने से पहले ही लिखना शुरू कर दिया था। साइबेरिया में कारावास की सज़ा बिताने के बाद उन्होंने फिर से लिखना शुरू कर दिया। 'अपराध और दंड ', 'बौड़म ', ’नर-पिशाच’, ’करमअजोफ़ बन्धु’, ’ग़रीब लोग’ और ’जुआरी’ जैसे विख्यात उपन्यासों के रचनाकार दस्ताएवस्की को मनोवैज्ञानिक विषयों का महान लेखक माना जाता है। रूसी और पश्चिम के कई लेखकों को इन्होंने प्रभावित किया - जिनमें एंटन चेखव [अन्तोन चेख़फ़] भी शामिल हैं। 2002 में नार्वे पुस्तक क्लब ने विश्व साहित्य की सौ प्रमुख किताबों में दस्ताएवस्की की पाँच किताबों को शामिल किया है।
फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की | |
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जन्म | फ्योदोर मिखाइलोविच दोस्तोयेव्स्की 11 नवम्बर 1821 मास्को , रूसी साम्राज्य |
मौत | 9 फ़रवरी 1881(1881-02-09) (उम्र 59) सेंट पीटर्सबर्ग, रूसी साम्राज्य |
राष्ट्रीयता | रूसी |
शिक्षा | मिलिट्री इंजीनियरिंग टेक्निकल विश्वविद्यालय, सेंट पीटर्सबर्ग |
काल | १८४६–१८८१ |
विधा | उपन्यास, लघुकथा, पत्रकारिता |
विषय | मानस शास्त्र, दर्शनशास्त्र ,रिलिजन |
आंदोलन | यथार्थवाद |
उल्लेखनीय कामs | अपराध और दंड बौड़म करामाज़ोव ब्रदर्स |
जीवनसाथी |
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बच्चे | सोन्या (1868) ल्यूबोव (1869–1926) फ्योदोर (1871–1922) अलेक्सी (1875–1878) |
हस्ताक्षर |