निज़ाम-उल-मुल्क आसफजाह
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मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी उर्फ़ निजाम-उल-मुल्क आसफजाह I (२0 अगस्त १६७१- १ जून १७४८) मुग़ल शासक औरंगजेब के बाद के हैदराबाद का प्रसिद्ध निज़ाम था, जिसने आसफ़ जाही राजवंश की नींव रखी। उसने १७२४ में हैदराबाद राज्य की स्थापना की तथा ३१ जुलाई १७२0 से लेकर १ जून १७४८ (मृत्युपर्यंत) तक शासन किया।[2] औरंगज़ेब ने उसे चिंकिलिच ख़ान (१६९0-९१)[3]), फ़र्रूख़सियर ने निज़ाम-उल-मुल्क (१७१३)[4] तथा मुहम्मद शाह ने आसफ़जाह (१७२५)[5]आदि उपाधियाँ प्रदान की।
सामान्य तथ्य मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी, शासनावधि ...
मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी | |
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चिंक़िलिच ख़ान, निज़ाम-उल-मुल्क, आसफ जाह | |
शासनावधि | ३१ जुलाई १७२४ – १ जून १७४८ |
राज्याभिषेक | ३१ जुलाई १७२४ |
पूर्ववर्ती | कोई नहीं |
उत्तरवर्ती | नासिर जंग मीर अहमद |
जन्म | 20 अगस्त 1671 आगरा |
निधन | 1 जून 1748 (Age 76) बुरहानपुर |
समाधि | ख़ुल्दाबाद, समीप औरंगाबाद |
संतान | ६ पुत्र, ७ पुत्रियाँ |
घराना | आसफ़ जाही राजवंश |
पिता | नवाब ग़ाज़ी उद-दिन ख़ान फ़िरोज़ जंग सिद्दिक़ी बहादुर (फ़र्ज़ंद-ए-अर्ज़ुमंद) ग़ाज़ी उद्दीन सिद्दिक़ी |
माता | वज़ीर उन-निसा बेग़म |
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