निकोलस लिवरपूल
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निकोलस जोसेफ ओरविले लिवरपूल (९ सितम्बर १९३४ – १ जून २०१५) डोमिनिकन राजनीतिज्ञ और सलाहकार थे जो डोमिनिका के २ अक्टूबर २००३ से १७ सितम्बर २०१२ तक राष्ट्रपति रहे।
वर्ष १९५७ में लिवरपूल ने हुल विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और सन् १९६० में एल॰एल॰बी॰ (ऑनर्स) की उपाधि ग्रहण की। वर्ष १९६१ में वो इनर टेम्पलेट (डोमानिका में न्यायाधीशों और वकीलों का संघ) में बुलाये गये। उन्होंने शेफील्ड विश्वविद्यालय से वर्ष १९६५ में पीएचडी की उपाधि ग्रहण की।[1] इसके बाद वो पुनः कैरेबिया चले गये और १८ वर्षों तक बार्बाडोस में यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टइंडीज़ में विधि व्याख्याता के रूप में कार्य किया तथा १९९२ में इसके विधि-विद्यालय के डीन बन गये। उन्होंने ब्राजिल और ग्रेनाडा सहित विभिन्न कैरेबियाई देशों में पहले क्षेत्रिय न्यायाधीश और बाद में अपील अदालत के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्होंने एंटीगुवा और मोंटेसेराट में कानूनी सुधार के लिए अधिकरणों और आयोगों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया। सन् २००२ में ग्रेनाडा के संवैधानिक समीक्षा आयोग के अध्यक्ष थे।[2] हुल विश्वविद्यालय ने उन्हें जुलाई २०११ में डॉक्टर ऑफ़ लॉ की उपाधि प्रदान की।[3]
लिवरपूल मार्च १९९८ में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत बने[4] और २००१ तक यह कार्य किया।[5] इसी वर्ष वो राष्ट्रपति चुने गये, लिवरपूल को डोमिनिका अवार्ड ऑफ़ ऑनर से भी सम्मानित किया गया। वर्ष २००२ से २००३ तक वो यूनेस्को के संचालक मंडल केसदस्य रहे। वर्ष २००८ में राष्ट्रपति के रूप में उनका प्रथम कार्यकाल समाप्त होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री रुजवेल्ट स्केरिट और विपक्ष के नेता अर्ल विलियम्स द्वारा संयुक्त नामांकन के बाद पुनः निर्वाचित हुये।[6]