ध्यानचंद सिंह
भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी (1905-1979) / From Wikipedia, the free encyclopedia
ध्यान चंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे। भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में उनकी गिनती होती है।उनका जन्म एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था।[3][4] वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे ( जिनमें १९२८ का एम्सटर्डम ओलम्पिक , १९३२ का लॉस एंजेल्स ओलम्पिक एवं १९३६ का बर्लिन ओलम्पिक)। उनकी जन्मतिथि को भारत में "राष्ट्रीय खेल दिवस" के रूप में मनाया जाता है। [5]
व्यक्तिगत जानकारी | |||||||||||||||||||||
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जन्म |
29 अगस्त 1905[1] इलाहाबाद,[2] संयुक्त प्रान्त, ब्रितानी भारत | ||||||||||||||||||||
मृत्यु |
3 दिसम्बर 1979(1979-12-03) (उम्र 74) दिल्ली | ||||||||||||||||||||
ऊंचाई | 5 फीट 7 इंच (170 से॰मी॰) | ||||||||||||||||||||
खेलने का स्थान | फॉरवर्ड | ||||||||||||||||||||
Senior career | |||||||||||||||||||||
वर्ष | टीम | Apps | (Gls) | ||||||||||||||||||
1921–1956 | भारतीय सेना | ||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय टीम | |||||||||||||||||||||
1926–1948 | भारतीय पुरुष हॉकी टीम | {{{nationalcaps(goals)1}}} | |||||||||||||||||||
पदक की जानकारी
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उन्हें हॉकी का जादूगर ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। जब वो मैदान में खेलने को उतरते थे तो गेंद मानों उनकी हॉकी स्टिक से चिपक सी जाती थी। उन्हें १९५६ में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बहुत से संगठन और प्रसिद्ध लोग समय-समय पर उन्हे 'भारतरत्न' से सम्मानित करने की माँग करते रहे हैं किन्तु अब केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने से उन्हे यह सम्मान प्रदान किये जाने की सम्भावना बहुत बढ़ गयी है।[6][7]खेल मंत्री विजय गोयल ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग कि.[8]