देवनी मोरी
भारत के गुजरात राज्य का एक गाँव / From Wikipedia, the free encyclopedia
देवनी मोरी (Devni Mori) भारत के गुजरात राज्य के उत्तरी भाग में अरवल्ली ज़िले के शामलाजी नगर से 2 किमी दूर एक बौद्ध पुरातत्व स्थल है। इसका काल तीसरी से चौथी शताब्दी ईसवी आंका जाता है। यह ऐसे स्थान पर है जहाँ से प्राचीन व्यापार व सार्थ (कारवाँ) मार्ग निकला करते थे। खुदाई से सबसे निचली परत में आठवी शताब्दी के बौद्ध अवशेष, मध्य परत में गुर्जर-प्रतिहार काल के हिन्दू व बौद्ध अवशेष और सबसे ऊपरी परत में 14वीं शताब्दी के मुस्लिम मीनाकारी वस्तुएँ मिली हैं। यहाँ पुरातत्विक खुदाई 1960 से 1963 तक करी गई थी। यह स्थल मेश्वो नदी पर बने बाँध के जलाशय में डूब गया था, जिसपर 1959 में कार्य आरम्भ हुआ और 1971–1972 में पूर्ण हुआ।[2][3][4]
सामान्य तथ्य देवनी मोरी Devni Moriદેવની મોરી, स्थान ...
देवनी मोरी Devni Mori દેવની મોરી | |
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बुद्ध शाक्यमुनि का टेराकोटा से बना शिर (375-400 ई) | |
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स्थान | अरवल्ली ज़िला, गुजरात, भारत |
प्रकार | मठ और स्तूप |
इतिहास | |
स्थापित | 4वीं शताब्दी ईसवी |
संस्कृति | पश्चिमी क्षत्रप[1] |
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