डायोफैंटीय समीकरण
From Wikipedia, the free encyclopedia
डायोफैंटस नामक यूनानी गणितज्ञ ने, जो संभवतः ईसा के पश्चात् तीसरी शताब्दी में रहा, बहुत से बहुपदीय अनिर्धार्य समीकरणों (Undetermined Equations) का अध्ययन किया तथा पूर्णांकों में उनके हलों को ज्ञात किया। किन्तु आधुनिक तथ्यों के प्रकाश में अब इसमें कोई सन्देश नहीं रह गया है कि डायोफैण्टस से बहुत पहले ही भारतीय गणितज्ञों ने इस क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य कर लिया था। (कुट्टक देखिये)
डायोफैंटीय समस्याओं में समीकरणों की संख्या चरों की संख्या से कम होती है (अर्थात समीकरण अनिर्धारित होते हैं)। इन समीकरणों में चरों के गुणांक पूर्णांक होते हैं और चरों का ऐसा पूर्णांक मान प्राप्त करना होता है जो इन समीकरणों को संतुष्ट करें। इसलिए उन सभी समीकरणों का नाम डायोफैंटीय समीकरण (Diophantine Equations) पड़ गया जिनमें चरों के गुणांक पूर्णांक होते हैं।
डायोफैंटीय समीकरण का एक सरल उदाहरण है: . इसके वास्तविक हल अनन्त होंगें। किन्तु इसके धन पूर्णांक हल केवल ४ हैं। : .
डायोफैंटीय समस्याओं के गणितीय अध्ययन को आजकल डायोफैंटीय विश्लेषण (Diophantine analysis) कहते हैं। इतिहास में हरेक डायोफैंटीय समीकरण एक बुझौवल (puzzle) की तरह प्रयोग की जाती रही हैं किन्तु डायोफैंटीय समीकरणों का सामान्य सिद्धान्त (जो द्विघात रूपों के परे भी जांय) बीसवीं शती की एक बड़ी गणितीय उपलब्धि मानी जाती है।