ज्यां-पाल सार्त्र
एक अस्तित्ववादी फ्रांस दार्शनिक / From Wikipedia, the free encyclopedia
ज्यां-पाल सार्त्र नोबेल पुरस्कार साहित्य विजेता, १९६४
सामान्य तथ्य व्यक्तिगत जानकारी, जन्म ...
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | ज्यां-पाल चार्ल्स अय्मर्द सार्त्र २१ जून १९०५ पेरिस, फ्रान्स |
मृत्यु | 15 अप्रैल १९८०(१९८०-04-15) (उम्र 74) पेरिस, फ्रान्स |
वृत्तिक जानकारी | |
युग | २०वी सदी का दर्शन |
क्षेत्र | पाश्चात्य दर्शन |
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ज्यां-पाल सार्त्र अस्तित्ववाद के पहले विचारकों में से माने जाते हैं। वह बीसवीं सदी में फ्रान्स के सर्वप्रधान दार्शनिक कहे जा सकते हैं। कई बार उन्हें अस्तित्ववाद के जन्मदाता के रूप में भी देखा जाता है।
अपनी पुस्तक "ल नौसी" में सार्त्र एक ऐसे अध्यापक की कथा सुनाते हैं जिसे ये इलहाम होता है कि उसका पर्यावरण जिससे उसे इतना लगाव है वो बस कि़ंचित् निर्जीव और तत्वहीन वस्तुओं से निर्मित है। किन्तु उन निर्जीव वस्तुओं से ही उसकी तमाम भावनाएँ जन्म ले चुकी थीं।
सार्त्र का निधन अप्रैल १५, १९८० को पेरिस में हआ।