खम
तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक / From Wikipedia, the free encyclopedia
खम (तिब्बती: ཁམས, अंग्रेज़ी: Kham) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त अम्दो और इउ-त्संग हैं।[1] यह पहाड़ी शृंखलाओं और तंग घाटियों का क्षेत्र है। यहाँ के लोग तिब्बती में खम-पा (Khampa, यानि खम-के-लोग) कहलाते हैं और ल्हासा के तिब्बतियों से अलग रूपरंग, वेशभूषा और बोलने का लहजा रखते हैं। ऐतिहासिक रूप से खम 'चुशी गंगद्रुक' (Chushi Gangdruk) के नाम से भी जाना जाता था, जिसका मतलब 'चार नदियाँ और छह पर्वतमालाएँ' है। तिब्बत पर जनवादी गणतंत्र चीन का क़ब्ज़ा होने के बाद उसकी सरकार ने तिब्बत का प्रशासनिक विभाजन कर दिया और खम का भूक्षेत्र अब सिचुआन और कुछ हद तक युन्नान प्रान्तों में सम्मिलित है।[2] १९५४ में खम के लोगों ने चीन के ख़िलाफ खुला विद्रोह कर दिया, जो 'खम्पा विद्रोह' के नाम से जाना जाता है। उन्होनें बाहरी दुनिया से मदद मांगी लेकिन कोई सहायता न मिलने पर यह विद्रोह चीन की सरकार द्वारा कुचला गया।[3]