कोशिका विभाजन
नुवावां शिवम मोनू सोनी अमेठी / From Wikipedia, the free encyclopedia
जिस जैविक प्रकिया (Biological Process) द्वारा एक कोशिका विभाजित होकर दो या दो से अधिक कोशिकाएँ उत्पन्न करती हैं उसे कोशिका विभाजन (Cell division) कहते हैं। कोशिका-विभाजन वस्तुतः कोशिका चक्र (cell cycle) का एक चरण है। विभाजित होने वाली कोशिका मातृकोशिका एवं विभाजन के फलस्वरूप बनने वाली कोशिकाएँ पुत्री कोशिका कहलाती हैं। कोशिका विभाजन द्वारा ही जीवों के शरीर का वृद्धि और विकास होता है। इस क्रिया के फलस्वरूप ही घाव भरते हैं। प्रजनन एवं क्रम विकास के लिए भी कोशिका-विभाजन की क्रिया आवश्यक है।
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लैंगिक प्रजनन करनेवाला प्रत्येक प्राणी अपना जीवन कोशिका अवस्था से ही आरंभ करता है। कोशिका अंडा होती है और इसके निरंतर विभाजन से बहुत सी कोशिकाएँ उत्पन्न हो जाती हैं। कोशिका विभाजन की क्रिया उस समय तक होती रहती है जब तक प्राणी भली भाँति विकसित नहीं हो जाता।
कोशिका विभाजन की प्रक्रिया में कोशिका का जिनोम (genome) अपरिवर्तित रहता है। इसलिये विभाजन होने के पूर्व गुणसूत्रों (chromosomes) पर स्थित 'सूचना' प्रतिकृत (replicate) हो जानी चाहिये और तत्पश्चात इन जीनोमों को कोशिकाओं के बीच 'सफाई से' बांटना चाहिये।
कोशिका विभाजन की प्रक्रिया कई प्रकार की होती है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं का विभाजन यूकैरियोटिक कोशिकाओं से भिन्न होता है।