कैफ़ीन
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कैफीन (Caffeine) एक कड़वी, सफेद क्रिस्टलाभ एक्सेंथाइन एलकेलॉइड (क्षाराभ) है, जो एक मनोस्फूर्तिदायक या साइकोएक्टिव (मस्तिष्क को प्रभावित करनेवाली) उत्तेजक औषधि है। एक जर्मन रसायनशास्त्री फ्रेडरिक फर्डीनेंड रंज ने 1819 में कैफीन की खोज की थी। उन्होंने कैफीन (kaffein) शब्द का इजाद किया, जो कॉफी का एक रासायनिक यौगिक है, (जिसके लिए जर्मन शब्द काफी (Kaffee) है), जो अंग्रेजी में कैफीन बन गया (और जर्मन में कोफीन (Koffein) में बदल गया).[3]
कैफीन | |
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आईयूपीएसी नाम | 1,3,7-ट्राईमिथाइल- 1H-प्यूरिन- 2,6(3H,7H)-डायोन |
अन्य नाम | 1,3,7-ट्राईमिथाइललेक्सनथाइन, ट्राईमिथाइललेक्सनथाइन, मिथाइलथियोब्रोमीन, 7-मिथाइलथियोफिलीन, थाइन, मैटिन, ग्वारानीन |
पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
सी.ए.एस संख्या | [58-08-2][CAS] |
पबकैम | 2519 |
EC-number | 200-362-1 |
ड्रग बैंक | DB00201 |
RTECS number | EV6475000 |
SMILES | O=C2N(c1ncn(c1C(=O)N2C)C)C |
InChI | 1/C8H10N4O2/c1-10-4-9-6-5(10)7(13)12(3)8(14)11(6)2/h4H,1-3H3 |
कैमस्पाइडर आई.डी | 2424 |
गुण | |
आण्विक सूत्र | C8H10N4O2 |
मोलर द्रव्यमान | 194.19 g/mol |
दिखावट | दुर्गन्धरहित, सफ़ेद नीडल या पाउडर |
घनत्व | 1.23 g/cm3, solid |
गलनांक |
227–228 °C (एनहाइड्रस); 234–235 °C (मोनोहाइड्रेट) |
क्वथनांक |
178 °C subl. |
जल में घुलनशीलता | 2.17 g/100 ml (25 °C) 18.0 g/100 ml (80 °C) 67.0 g/100 ml (100 °C) |
अम्लता (pKa) | −0.13–1.22[1] |
Dipole moment | 3.64 D (calculated) |
खतरा | |
एम.एस.डी.एस | ICSC 0405 |
EU वर्गीकरण | हानिकारक (Xn) |
EU सूचकांक | 613-086-00-5 |
NFPA 704 | |
R-फ्रेसेज़ | आर-२२ |
S-फ्रेसेज़ | (एस२) |
एलडी५० | 192 mg/kg (rat, oral)[2] |
जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। ज्ञानसन्दूक के संदर्भ |
कुछ पौधों की फलियों, पत्तियों और फलों में अलग-अलग मात्रा में कैफीन पायी जाती है, जहां यह एक प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम करती है जो पौधों को खाने वाले कुछ कीटों को पंगु बनाकर मार डालती है।[4] कॉफ़ी के पौधे की फलियों और चाय की झाड़ी की पत्तियों से निकाले गये अर्क का ही बहुत आम तौर पर मनुष्यों द्वारा उपभोग किया जाता है। इसके अलावा, कोला नट से व्युत्पन्न विभिन्न खाद्य तथा पेय उत्पादों में भी कैफीन हुआ करती है। अन्य स्रोतों में येर्बा मेट, गुआराना बेरी और यौपों होली भी शामिल हैं।
इंसानों में, कैफीन एक केंद्रीय तंत्रिका प्रणाली (CNS) की उत्तेजक है, जिसका प्रभाव अस्थायी रूप से ऊंघ दूर करने और सतर्कता बहाल करने में होता है। कॉफी, चाय, मृदु पेय और ऊर्जा पेय जैसे अति लोकप्रिय पेय पदार्थों में कैफीन पायी जाती है। कैफीन विश्व का सबसे अधिक उपभोग्य मनोस्फूर्तिदायक पदार्थ है, लेकिन अन्य मनोस्फूर्तिदायक पदार्थों के विपरीत यह लगभग सभी क्षेत्रों में वैध और अनियंत्रित है। उत्तर अमेरिका में, 90% वयस्क प्रतिदिन कैफीन का उपभोग करते हैं।[5] अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए (FDA)) कैफीन को "आम तौर पर सुरक्षित माने जाने वाले एक बहु-उद्देशीय खाद्य पदार्थ" के रूप में सूचीबद्ध किया है।[6]
जिन मरीजों में कैफीन को सहने की क्षमता नहीं होती है, उन्हें इसकी पर्याप्त मात्रा देने पर इसके मूत्रवर्धक गुणों का पता चलता है।[7] हालांकि, नियमित उपयोगकर्ताओं में इस प्रभाव को बर्दाश्त करने की काफी क्षमता आ जाती है[7] और इस आम धारणा का समर्थन करने में इस पर किए जाने वाले अध्ययन आम तौर पर विफल हो जाते हैं कि कैफीनयुक्त पेय पदार्थों की आम खपत निर्जलीकरण में काफी योगदान देता है।[8][9][10]