केसरिया
बौद्ध तीर्थ और प्राचीन पुरातात्विक मंडला स्तूप स्थल, मूल रूप में सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया, पू / From Wikipedia, the free encyclopedia
केसरिया चंपारण से ३५ किलोमीटर दूर दक्षिण साहेबगंज-चकिया मार्ग पर लाल छपरा चौक के पास अवस्थित है। यह पुरातात्विक महत्व का प्राचीन ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ एक वृहद् बौद्धकालीन स्तूप है जिसे केसरिया स्तूप के नाम से जाना जाता है।
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केसरिया एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल है। यह चंपारण में स्थित एक छोटा सा शहर है जो गंडक नदी के किनारे बसा हुआ है। इसका इतिहास काफी पुराना व समृद्ध है। बौद्ध तीर्थस्थलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। बुद्ध ने वैशाली से कुशीनगर जाते हुए एक रात केसरिया में बिताई थी तथा लिच्छवियों को अपना भिक्षा-पात्र प्रदान किया था। कहा जाता है कि जब भगवान बुद्ध यहां से जाने लगे तो लिच्छवियों ने उन्हें रोकने का काफी प्रयास किया। लेकिन जब लिच्छवि नहीं माने तो भगवान बुद्ध ने उन्हें रोकने के लिए नदी में कृत्रिम बाढ़ उत्पन्न की। इसके पश्चात् ही भगवान बुद्ध यहां से जा पाने में सफल हो सके थे। सम्राट अशोक ने यहां एक स्तूप का निर्माण करवाया था। इसे विश्व का सबसे बड़ा स्तूप माना जाता है।