उलिसस (कविता)
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उलिसस विक्टोरियन कवि लॉर्ड अल्फ्रेड टेनिसन द्वारा रचित मुक्तछंद की कविता है। यह कविता सन् १८३३ में लिखी गई थी जिसका दूसरा संस्करण १८४२ में प्रकाशित हुआ था। यह नाटकीय एकालाप की प्रायः उद्धृत की जाने वाली प्रसिद्ध कृति है। साहित्य में उलिसस (ग्रीक, ओडीसियस) के चरित्र का व्यापक रूप से अन्वेषण किया गया है। ओडीसियस के कारनामों को पहले होमर के इलियड और ओदिसी (८००-७०० ईसा पूर्व) में वर्णित किया गया था। टेनिसन ने होमर की कथा को कविता में चित्रित किया है।
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लेखक | अल्फ्रेड टेनिसन |
विषय | साहित्य |
कविता में उलिसस को दृढ़ वीर के रूप में देखा गया है तथा उनके दृढ़ संकल्प के लिए उनकी प्रशंसा की गई है।[1] यह विचार कि टेनिसन ने एक वीर पात्र की कल्पना की थी, कविता के बारे में उनके बयानों और उनके जीवन की घटनाओं से ही प्रदर्शित होता है। जैसे: उनके सबसे करीबी दोस्त की मृत्यु-जिसने उन्हें इसे लिखने के लिए प्रेरित किया। बीसवीं शताब्दी की "उलिसस" की कुछ नई व्याख्याओं ने कविता में संभावित विडंबनाओं को उजागर किया। उदाहरणस्वरूप- उन्होंने यह तर्क दिया कि उलिसस अपने राज्य और परिवार को स्वार्थपरता से त्यागना चाहता है तथा उन्होंने उलिसस के चरित्र के अधिक सकारात्मक आकलन पर सवाल उठाते हुए यह प्रदर्शित किया कि वह पहले के साहित्य में त्रुटिपूर्ण नायक जैसा दिखता है।
"उलिसस" के सकारात्मक पठन की कुंजी कविता का जीवनीगत सन्दर्भ है।