आरकाट राज्य
दक्षिणी भारत में कर्नाटक सल्तनत राज्य से1692 से 1855 तक दक्षिणी भारत में कर्नाटक सल्तनत राज्य कर्नाटक / From Wikipedia, the free encyclopedia
कर्नाटिक के नवाब (जिसे आर्कोट के नवाब भी कहा जाता है) ने लगभग 1690 और 1801 के बीच दक्षिण भारत के कर्नाटिक क्षेत्र पर शासन किया। कर्नाटिक हैदराबाद डेक्कन की निर्भरता थी, और हैदराबाद के निजाम के कानूनी अधिकार के तहत था। [1][2] शुरुआत में वे वर्तमान में भारतीय राज्य तमिलनाडु में आर्कोट में अपनी राजधानी थीं। उनका शासन कर्नाटक और कोरोमंडल क्षेत्रों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि है, जिसमें मुगल साम्राज्य ने मराठा साम्राज्य के बढ़ते प्रभाव और बाद में ब्रिटिश राज के उभरने का मार्ग प्रशस्त किया।
सामान्य तथ्य
कर्नाटिक के नवाब | |||||
| |||||
ध्वज | |||||
राजधानी | जिंजी (1692-1710), आरकाट (1710-1768), चेपाक (1768-1855)c | ||||
भाषाएँ | अंग्रेज़ी | ||||
धार्मिक समूह | इस्लाम | ||||
शासन | कुलीनता | ||||
ऐतिहासिक युग | भारत में मुग़ल सरकार भारत में कंपनी रूल | ||||
- | परिवार नियुक्त गवर्नर के प्रजननकर्ता | 1692 | |||
- | स्थापित | 1692 | |||
- | अरकाट की घेराबंदी | 23 सितम्बर – 14 नवम्बर 1751 | |||
- | अंत | 1855 | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | भारत | ||||
Warning: Value specified for "continent" does not comply |
बंद करें