अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प
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2015 नेपाल भूकंप क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकंप था, जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकंप का अधिकेंद्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकंप के अधिकेंद्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्त्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं। सन् 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकंप आया है, जिसमें 8,000 से अधिक मौतें हुईं और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं।[7] भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।[8] भूकंप की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया, जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुँचा है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गई। अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गए।
तारीख | 25 अप्रैल 2015 (2015-04-25) |
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शुरु होने का समय | 6:11:26 यूटीसी[1] |
परिमाण | 7.8 Mw,[1] 8.1 Mw[2] |
गहराई | 15.0 किलोमीटर (9 मील)[1] |
अधिकेन्द्र स्थान | 28.165°N 84.725°E / 28.165; 84.725[1] |
प्रकार | उत्क्रम भ्रंश[1] |
प्रभावित देश या इलाके |
नेपाल उत्तर भारत तिब्बत, चीन बांग्लादेश पाकिस्तान |
कुल क्षति | $3 -3.5 अरब का सीधा नुकसान[3] |
अधि. तीव्रता | IX एमएम (प्रचंड)[1] |
बाद के झटके |
6.6 एमw२५ अप्रैल को 12:30 बजे[1] 6.7 एमw २६ अप्रैल को 12:54 पर [4] |
हताहत |
८१२६ मृत्यु[5] १८९४६ घायल[6] |
भूकंप के बाद के झटके 12 मई, 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पड़ोसी देशों में महसूस किए जाते रहे।