हिंदी भाषा
एगो इंडो-आर्यन भाषा; मुख्य रूप से उत्तर भारत में बोलल जाये वाली / From Wikipedia, the free encyclopedia
हिंदी भाषा (शाब्दिक अरथ: हिंद के भाषा) मुख्य रूप से भारत के हिंदी प्रदेश में, आ अन्य भाषा के रूप में पूरा भारत आ भारत से बाहर रहे वाला भारतीय लोग द्वारा बोलल जाए वाली एक ठो भाषा हवे। भाषा विज्ञान के अनुसार ई इंडो-आर्य समूह के भाषा हवे। खड़ी बोली के मानकीकरण से हिंदी आ उर्दू दुनों भाषा सभ के उत्पत्ति मानल जाले, हिंदी भाषा जहाँ संस्कृत से आपन ज्यादातर शब्द लिहले बा ओहिजे उर्दू में ज्यादातर शब्द फ़ारसी आ अरबी मूल के मिलेला। हिंदी-उर्दू के मिलल-जुलल रूप, जवन काफी संख्या में आम जन के आ सिनेमा जगत भाषा बाटे ओकरा के हिंदुस्तानी भी कहल जाला।
हिंदी | |
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उच्चारण | Hindustani pronunciation: [ˈmaːnək ˈɦin̪d̪iː] |
मूलभाषा बाटे | North and North Western भारत |
मूल बोले वाला | 260 मिलियन (2001)e19 L2 speakers: 120 million (1999) |
इंडो-यूरोपियन
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प्रारंभिक रूप | शौरसेनी प्राकृत
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देवनागरी (ब्राह्मी) हिंदी ब्रेल | |
Signed forms | Signed Hindi |
ऑफिशियल स्टेटस | |
सरकारी भाषा बाटे | भारत[2] |
नियमित कइल जाले | Central Hindi Directorate[3] |
भाषा कोड | |
ISO 639-1 | hi |
ISO 639-2 | hin |
ISO 639-3 | hin |
Linguist list | hin-hin |
Glottolog | hind1269 [4] |
Linguasphere | 59-AAF-qf |
2011 जनगणना के अनुसार भारत में हिंदी क L1 आत्म-संचित बोलन वालन क वितरन। |
मानक हिंदी, हिंदी के अइसन रूप हवे जेह में संस्कृत के परभाव ज्यादा बा आ जवन तकनीकी शब्दावली, सरकारी कामकाज आ साहित्य के भाषा बाटे। ई भारत के राजभाषा भी हवे। हिंदी पर क्षेत्रीय भाषा के परभाव से लहजा वगैरह में अंतर के कारण बिहारी हिंदी या भोजपुरी-हिंदी[5] वगैरह के अनौपचारिक वर्गीकरण भी मिले ला।
हिंदी भाषा के देवनागरी लिपि मे लिखल जाला। हिंदी आ इंग्लिश के मिला-जुला रूप के हिंग्लिश के नाँव भी दिहल गइल बा।
भारत में 25.8 करोड़ लोग पहिली भाषा के रूप में आ 12 करोड़ लोग दूसर भाषा के रूप में हिंदी बोले वाला बतावल जाला।[6] 2001 में भारत के जनगणना के आँकड़ा अनुसार भारत में कुल 42 करोड़ से ढेर[7] लोग के मातृभाषा हिंदी हवे (हालाँकि एह आंकड़ा में भोजपुरी नियर भाषा बोले वाला लोग सब के भी सामिल कइल गइल बा) आ एकरे बाद लगभग 12 करोड़ लोग के दूसरी भाषा हवे।[8]
हिंदी के साहित्य में आमतौर पर मध्य क्षेत्र के बोली सब में भइल 11वीं सदी के आसपास तक ले के रचना सभ से ले के आधुनिक काल तक के हिंदी में भइल रचना सभ के गिनल जाला।