सुभाष चंद्र बोस
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के येगो प्रमुख नेता । / From Wikipedia, the free encyclopedia
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (23 जनवरी 1897 – 18 अगस्त 1945) आजादी के लड़ाई के एगो प्रमुख नेता रहलें आ उनुकर राष्ट्र खातिर प्रेम आ समर्पण उनुके एगो बहुत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बेकति बना दिहलस। दुसरा बिस्व जुद्ध के समय ऊ भारत के ब्रिटिश राज से आजादी दियावे खातिर नाजी जर्मनी आ जापान के सहायता लेवे के कोसिस कइलें, आजाद हिंद फ़ौज के अस्थापना कइलें जेकरा खातिर उनुके जानल जाला।
सुभाष चंद्र बोस | |
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मूलभाषा में नाँव | সুভাষচন্দ্র বসু |
जनम | सुभाष चंद्र बोस (1897-01-23)23 जनवरी 1897 कटक, बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत |
निधन | UNKOWN UNKOWN |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | रैवेनशा कॉलेजियेट स्कूल, कटक |
महतारी संस्था | कलकत्ता विश्वविद्यालय कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी |
परसिद्धि के कारन | आजादी के लड़ाई के नेता |
टाइटिल | अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1938) राज्य के मुखिया, प्रधानमंत्री, जुद्ध आ बिदेस मामिला के मंत्री, आजाद हिंद जापान अधिकृत अंडमान निकोबार में (1943–1945) |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1921–1940, फारवर्ड ब्लॉक faction within the Indian National Congress, 1939–1940 |
जीवनसाथी | या साथी,[1] एमिली शेंकल (चुपचाप बियाह भइल 1937 में, बोस द्वारा पब्लिक के सोझा स्वीकार कबो ना कइल गइल।[2]) |
संतान | अनीता बोस फाफ |
माईबाप | जानकीनाथ बोस प्रभावती देवी |
बोस सुरुआत में, 1920 से 1930 के समय में, कांग्रेस के गरमपंथी बिचार वाला नेता रहलें आ 1938 आ 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष बनलें। बाद में गांधीजी के साथ आ कांग्रेस ए हाई कमान के साथ मतभेद के कारन कांग्रेस से बाहर हो गइलें। एकरा बाद उनुके ब्रिटिश सरकार घर में नजरबंद क दिहलस। नजरबंदी से फरार हो के 1941 में ऊ जर्मनी पहुँचलें जहाँ उनुके मदद के आश्वासन मिलल। जर्मन सहजोग से बर्लिन में एगो फ्री इंडिया सेंटर के अस्थापना भइल।
एही के बाद 3,000 के संख्या वाली फ्री इंडिया लेजियन के भी अस्थापना भइल। 1942 में जापान के दक्खिन पूरब एशिया में सफलता आ जर्मनी के प्राथमिकता में बदलाव के बाद बोस जापान के मदद के ओर आकर्षित भइलें आ 1942 में उनुके हिटलर से मुलाक़ात भी भइल जवना में हिटलरो उनुके इहे सलाह दिहलें। एही दौरान, नवंबर 1942 में, बोस के साथी आ पत्नी एमिली शेंकल के एगो लड़की पैदा भइल। एक्सिस पावर्स के साथ खुला सहमती ब्यक्त कइ के सुभास बाबू 1943 में जर्मन पनडुब्बी में बइठ के जापान खातिर निकल पड़लें आ मेडागास्कर के लगे ऊ जापानी पनडुब्बी में चढ़लें आ मई 43 में जापानी अधिकार वाला सुमात्रा पहुँचलें।
सिंगापुर के लड़ाई में कैद भइल भारतीय सिपाही लोग के ले के जापानी सहजोग से आजाद हिंद फ़ौज के अस्थापना भइल। बोस अपना सैनिकन के "जय हिंद" के नारा दिहलें। हालाँकि, 1944 आ 45 में ब्रिटिश सेना जापान के सेना के पाछे धकेल दिहलस। बोस सरेंडर करे की बजाय एगो हवाई जहाज से मंचूरिया खातिर निकललें आ उनुके सोवियत रूस से मदद के उमेद रहल बाकी ताइवान के लगे उनके जहाज के दुर्घटना हो गइल आ इनकर मौत हो गइल। बहुत लोग, भारत में, उनुके मौत के खबर के सही ना माने ला।
भारतीय कांग्रेस बोस के राष्ट्रप्रेम के कदर करे बाकी उनुके बिचारधारा आ फासी ताकत के साथ मिलके काम करे के बिचार से अपना के अलग रखलस।