जेट स्ट्रीम
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जेट स्ट्रीम (अंग्रेजी: jet stream) ऊपरी वायुमंडल में चले वाली बहुत तेज हवा के धारा हईं[1] जे सकेत आ लहरदार रस्ता पर चले लीं। पृथिवी के ऊपरी वायुमंडल में साधारण तौर पर बहे वाली हवा सभ के जियोस्ट्राफिक हवा कहल जाला, इनहने के बहुत सकेत पट्टी के रूप में कंसंट्रेट हो के बहे वाला रूप जेट धारा हईं,[2] जबकि ऊपरी हवा सभ के आम बहाव ध्रुवन के इर्द-गिर्द पछुआ लहरदार हवा के रूप में होखे ला जिनहन के रॉस्बी वेव कहल जाला।[3] इहे हवा सभ जब बहुत सकेत, कम चौड़ाई आ बहुत कम मोटाई के बहुत तेज बहे वाली धारा के रूप में बहे लागे लीं तब इनहन के जेट स्ट्रीम कहल जाला। पृथिवी के अलावा कुछ अउरी ग्रहन के वायुमंडल में भी जेट स्ट्रीम सभ के अनुमान लगावल गइल बाटे।
पृथ्वी के वायुमंडल में जेट स्ट्रीम सभ के ऊँचाई लगभग ट्रोपोपॉज के लगे होखे ले। एह जेट स्ट्रीम सभ के मुख्य रूप से तीन किसिम में बाँटल गइल बा। ध्रुवीय फ्रंट जेट स्ट्रीम, उपोष्ण कटिबंधी (सबट्रॉपिकल) जेट स्ट्रीम, आ उष्णकटिबंधी पूरबी जेट स्ट्रीम।[4]
जेट स्ट्रीम सभ साँप के चाल नियर लहरदार धारा में चले लीं, टूट के कई धारा के रूप से सके लीं, फिर से दुबारा जुड़ के एक धारा बन सके लीं आ इनहन के टूट के दूसर बनल धारा पहिली मूल धारा के बिपरीत दिसा में भी बह सके ला। ऊपरी वायुमंडल के ई हवा के धारा सभ जमीन के आसपास के मौसम के दसा के भरपूर तरीका से परभावित क सके लीं; खासतौर से चक्रवात सभ के बने आ उनहन के आगे बढ़े के रस्ता के परभावित करे में जेट स्ट्रीम सभ के बहुत योगदान होखे ला।
भारतीय मानसून पर जेट स्ट्रीम सभ के परभाव मानसून के बिस्फोट के रूप में देखल जाला जब हिमालय के दक्खिन में बहे वाली पछुआ जेट धारा उत्तर के ओर शिफ्ट होखे ले आ एकरे उत्तर भारत के ऊपर से गायब हो जाए के बाद अचानक मानसून के बरखा होखे सुरू होला। जाड़ा में पच्छिमी बिक्षोभ के रूप में आवे वाला उपोष्णकटिबंधी चक्रवात सभ के इहे पछुवा जेट परभावित करे लीं।