कोविड-19 महामारी
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कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) चाहे कोविड महामारी अउरी चलनसार भासा में कोरोना बेमारी, एगो अइसन महामारी बाटे जे कोविड-19 (COVID-19) बेमारी के अचानक भइल बिस्फोट के चलते फइलल बाटे आ ई दिसंबर 2019 से अभिन ले सक्रिय बाटे। सार्स कोरोनावायरस 2 (SARS-CoV-2) के कारन होखे वाली[1] एह बेमारी के सुरुआत चीन देस के हूबेइ प्रांत के वुहान से भइल जहाँ दिसंबर 2019 में अइसन केस सोझा आइल। तेज फइलाव के चलते एकरा के बिस्व स्वास्थ संगठन (WHO) 11 मार्च 2020 के महामारी घोषित कइ दिहलस।[2] 4 मई 2021 तक ले के आँकड़ा के मोताबिक अबतक ले एह बेमारी के चपेट में 15 करोड़ से बेसी लोग आ चुकल बा आ 32 लाख से बेसी लोगन के जान जा चुकल बाटे।
ई लेख एक ठो बहुत हाल के घटना के बर्णन करत बाटे। घटना के प्रगति के अनुसार जानकारी में तेजी से बदलाव संभव बाटे, आ सुरुआती समाचार रपट बहुत बिस्वास जोग नाहिंयो हो सके लीं। हो सके ला कि एह लेख के अंतिम अपडेट सभसे नया जानकारी ना बतावत होखे। |
एह लेख के जानकारी पुरान हो चुकल बाटे। |
कोविड-19 महामारी | |
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बेमारी | कोविड-19 (कोरोनावायरस रोग 2019) |
वायरस | SARS-CoV-2 |
लोकेशन | दुनियाभर में |
पहिला बिस्फोट | वूहान, हूबे, चीन 30°35′14″N 114°17′17″E |
तारीख | 1 दिसंबर 2019 – अबतक (4 साल, 4 महीना आ 18 दिन) |
कोविड-19 के लच्छन बिबिध किसिम के बाने; आम छींक-खोंखी आ जर-बोखार, निमोनिया से ले के जानलेवा समस्या पैदा होखे तक ले एह लच्छन सभ के बिस्तार बा। एक बेकति से दुसरे ले एह बेमारी के पहुँचे के सभसे मुख्य तरीका बहुत नगीचे से बेमार बेकती के संपर्क में आइल बाटे। बेमार ब्यक्ति के साँस लेवे, छींके-खोंखे चाहे बोले-बतियावे के घरी नाक मुँह से निकले वाली महीन बुनकी सभ जे हवा में जाके के दुसरे ब्यक्ति ले पहुँच सके लीं एकरे बिस्तार के कारण बन रहल बाड़ी। दुसरा तरीका हवा द्वारा रोग के फइलाव (एयरबोर्न तरीका) बाटे जे ह में बंद कमरा भा सकेत जगह में बेमार ब्यक्ति से निकले वाला महीन बुनकी सभ देरी ले हवा में फइलल रह सकत बाड़ीं आ दुसरे ब्यक्ति के बेमार क सकत बाड़ीं। तिसरा, बाकी बहुत कम शंका वाला तरीका बाटे, अइसन सतह के छुए भा ओकरे संपर्क में आवे से जहाँ एह वाइरस के मौजूदगी होखे। जे ब्यक्ति एह बेमारी के चपेट में आ गइल बा ऊ अगिला 20 दिनन ले दुसरे के बेमारी पहुँचा सके ला भले ओकरे खुद के अंदर कवनों लच्छन न होखे।
एह महामारी से बचाव आ एकरे रोकथाम के सुझावल गइल तरीका सभ में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग), भीड़ में भा पब्लिक में रहले पर चेहरा पर मास्क पहिरल, वेंटीलेशन आ हवा के फिल्टर करे के सुबिधा के बेहतर राखल, हाथ धोवल, खाँसत आ छींकत घरी मुँह-नाक के तोप के राखल, आसपास के छुए लायक सतह सभ के डिसइन्फेक्ट कइल आ जेकरा लोग के ई बेमारी हो गइल बा उनहन लोगन के निगरानी आ उनसे दूरी बना के रहल शामिल बा। कई गो टीका अब तइयार हो गइल बाड़ें बाकी बहुत सारा देसन में अभिन टीका के उपलब्धता मजिगर नइखे। वर्तमान में एह बेमारी के होख्ले पर लच्छन के हिसाब से इलाज हो रहल बाटे। हालाँकि, एहू पर तेजी से काम चल रहल बा कि एह बेमारी के इलाज खातिर कौनों बिसेस दवाई खोजल जा सके। बचाव के उपाय में दुनियाँ भर के सरकार सभ कई किसिम के तरीका अपनवले बाड़ी स। आवाजाही पर रोक, लाकडाउन/क्वारंटाइन, कई किसिम के कामकाज, इस्कूल कालेज आ संस्थान सभ के बंद कइल एह में प्रमुख उपाय बाड़ें। बहुत जगह टेस्टिंग के कैपसिटी बढ़ावे आ बेसी मरीजन के इलाज करे खातिर सुबिधा सभ के बिस्तार कइल गइल बा।
महामारी के चलते पूरा बिस्व भर में सामाजिक आ आर्थिक बाधा पैदा भइल बाटे। पुराना समय में आइल महान मंदी (ग्रेट डिप्रेसन) के बाद से ई पहिली बेर बा कि अतना भारी आर्थिक मंदी पूरा दुनिया में आइल होखे। हड़बड़ी में सामान के खरीददारी के चले बजार में सामान के कमी, खेती किसानी पर भारी बिघटनकारी परभाव, प्रदूषण करे वाला चीज में कमी आ ग्रीनहाउस गैस सभ के निकास में कमी कुछ अन्य परभाव बाड़ें जे एह महामारी में दर्ज कइल गइल बाड़ें। बहुत सारा शिक्षा संस्थान पूरा चाहे कुछ बिद्यार्थिन खातिर बंद बाड़ें। बहुत सारा आयोजन सभ के टार दिहल गइल बा चाहे सस्पेंड क दिहल गइल बा जे एह दौरान होखे वाला रहलें। मीडिया आ सोशल मीडिया में बहुत सारा गलत जानकारी के संचार हो रहल बा। महामारी के चलते कई किसिम के सामाजिक/नृजातीय भेदभाव, आ भूगोलीय भेदभाव देखे के मिलल बाड़ें। स्वास्थ सेवा सभ ले पहुँच पब्लिक हेल्थ के आ निजी अधिकार के बीच टकराहट में भी बहुत सारा बिसमता उजागर भइल बा।