कैलेंडर
सामाजिक, धार्मिक, बानिज्यिक आ प्रसासनिक काम खातिर दिन सभ के बेवस्थित रखे के सिस्टम / From Wikipedia, the free encyclopedia
कैलेण्डर चाहे कलेंडर समय की गणना के व्यवस्थित कइला क साधन हवे जेवना में दिन हफ्ता आ साल में बाँट के समय क हिसाब रक्खल जाला। आजकल अधिकतर देश ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपना चुके हैं। किन्तु अब भी कई देश ऐसे हैं जो प्राचीन कैलेंडरों का उपयोग करते हैं। इतिहास में कई देशों नें कैलेंडर बदले। आइए उनके विषय में एक नजर देखें:
समय घटना 3761 ईपू यहूदी कैलेंडर का आरंभ 2637 ईपू मूल चीनी कैलेंडर आरंभ हुआ 56 ईपू विक्रम संवंत आरंभ 45 ईपू रोमन साम्राज्य के द्वारा जूलियन कैलेंडर अपनाया गया 0 इसाई कैलेंडर का आरंभ 6676 ईपू सनातन धर्म(हिन्दू) सर्वप्रथम सप्तऋषि संवंत आरंभ हुआ 597 ब्रिटेन में जूलियन कैलेंडर को अपनाया गया 622 ईपू इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत 1582 कैथोलिक देश ग्रेगोरियन कैलेंडर से परिचित हुए 1752 ब्रिटेन और उसके अमेरिका समेत सभी उपनिवेशो में ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया 1873 जापान नें ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया 1949 चीन नें ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया
तिथि कौनों एगो दिन क पहिचान कइले क साधन हवे। दूसरा तरीका से कहल जाय त तिथि कौनो दिन विशेष क नाँव हवे।
भारत में सामान्य रूप से अंग्रेजी ग्रेगेरियन कैलेण्डर आ हिन्दू पंचांग क इस्तेमाल होला। आजकाल ग्रेगेरियन कैलेण्डर पुरा दुनिया में सबसे ढेर इस्तेमाल होला।
कैलेण्डर शब्द क उत्पत्ति लातीन भाषा की calendarium से भइल हवे जेवना का मतलब किताब में लिखल होला; ई पुराना जमाना में हर महीना की पहिला दिन (kalendae) के लिस्ट बनवला खातिर इस्तेमाल होखे।[1]