इलाहाबाद के संधि
मुग़ल बादशाह दुसरा शाह आलम आ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीचा में भइल करार / From Wikipedia, the free encyclopedia
इलाहाबाद के संधि (अंग्रेजी: Treaty of Allahabad) मुगल बादशाह शाह आलम (आलमगीर II के लड़िका) आ राबर्ट क्लाइव के बीच 12 अगस्त 1765 में बगसर के लड़ाई (22 अक्टूबर 1764) के परिणामस्वरूप भइल आ मुगल बादशाह एह संधि में दीवानी अधिकार ईस्ट इंडिया कंपनी के सौंप दिहलें। एही संधि के बाद से भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के सुरुआत मानल जाला।[1]
एह दीवानी अधिकार (जमीन के टैक्स वसूले के अधिकार) मिलले के बाद बंगाल-बिहार आ उड़ीसा में कंपनी के लोग से सीधे टैक्स लेवे के अधिकार मिल गइल। बदला में कंपनी शाह आलम के 26 लाख रुपया सालाना पेंशन के रूप में देवे के स्वीकार कइलस आ कड़ा आ इलाहाबाद के जिला के अधिकार बादशाह के पास रह गइल। बादशाह के बनारस भेज दिहल गइल आ अवध के सत्ता शुजा-उद्-दौला के वापस मिल गइल बाकी इलाहाबाद आ कड़ा उनसे छिना गइल। अवध के नवाब के 50 लाख रूपया लड़ाई के भरपाई के रूप में कंपनी के देवे के पड़ल।[2][3]